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बालू माफिया तारकेश्वर की कोयले के काले धंधे में एंट्री ? गुटबाजी से आका बेचैन

बंगाल मिरर, एस सिंह, आसनसोल : लोकसभा चुनाव से पहले शिल्पांचल में कोयला तस्करों की गतिविधियां तेज  हो गई है। हालांकि इनके बीच आपसी गुटबाजी और टकराव के कारण इनके आकाओं और मैनेज मास्टर परेशान हैं। भाजपा नेता लगातार कोयला तस्करी पर निशाना साध रही। वहीं तस्करों के खेमे से भी खबर आ रही है कि उनमें दो फाड़ हो गया है।बालू माफिया तारकेश्वर के कोयले के काले धंधे में उतरने की चर्चायें हैं। 

दुर्गापुर से बनारस के लिए खरीदा गया कोयला बीच में हुआ गायब
coal file photo

बताया जाता है कि जिस व्यक्ति को कुल्टी इलाके में कोयला तस्करी की जिम्मेदारी दी गई थी वहां किसी और ने अपना अधिपत्य जमाने के लिए बीच में ही खेल कर दिया। यहां धनबाद के निरसा के एक कोयला तस्कर को जिम्मेदारी दी गई थी। लेकिन कुल्टी के ही एक पुराने कोयला तस्कर ने वहां से कुछ ट्रकों को झारखंड के एक व्यवसायी के पास सीधा भेज दिया। इस खबर के बाद कोयला तस्कर यह तय ही नहीं कर पा रहे कि कुल्टी का काम कौन देखेगा। हालांकि कोयला चोरी का धंधा इसी रस्साकस्सी के कारण कुल्टी में धीमा पड़ गया है। जहां से हर रोज 40 ट्रक कोयला कालाबाजार में जा रहा था वह घट कर पांच से दस ट्रक हो गया है। हालांकि इस इलाके के बोगड़ा में तस्करों द्वारा लगाया गया कांटा घर सुरक्षित है। इसके साथ ही सालानपुर इलाके में भी जमकर कोयला चोरी हो रही है। हालांकि यहां के थानेदार अमित हाती ने साफ तौर पर कहा है कि इस इलाके में कोयले की चोरी पर पूरी तरह अंकुश लगा दिया गया है। यहां कोई चोरी नहीं हो रही।

उधर भाजपा के आरोपों को लेकर अब तक कोई आवाज भी नहीं हुई है। जबकि भाजपा के नेता जितेंद्र तिवारी ने इस कोयला तस्करी के लिए तीन लोगों के नाम साफ तौर पर गिनाए हैं। इनमें से एक ईसीएल के बड़े पदाधिकारी हैं दूसरे सालानपुर के कांता व तीसरे ईसीएल के कोयला खदानों में काम करने वाली आउट सोर्सिंग कंपनी के मालिक हैं। मीडिया में इन तीनों के नाम साफ तौर पर जितेंद्र तिवारी ने गिनाए हैं। लेकिन इसपर तीनों में से किसी की तरफ से कोई बात मीडिया में नहीं कही गई। वहीं दूसरी ओर भाजपा के आराेपों पर तृणमूल कांग्रेस के शिवदासन दासू ने कटाक्ष भी किया है कि अगर कोयला चोरी हो रही है तो कोयला में सारा तंत्र केंद्र का है। खदान केंद्र का, तस्करी की जांच करने वाली एजेंसी केंद्र की, खदानों की सुरक्षा में लगी कंपनी केंद्र की। केंद्र जाने क्या हो रहा।

बालू माफिया तारकेश्वर का नाम कोयला तस्करी के मामले में खूब सामने आ रहा है।  बंगाल के विभिन्न जगहों पर इनका बालू का बड़ा धंधा चलता है। बताया जाता है कि कोयला तस्करी में ट्रकों को पास कराने के लिए दिया जाने वाला विशेष पैड इन्हीं की देखरेख में बन रहा है। इस व्यक्ति का नाम फिलहाल राजनीति के गलियारे में खूब हो रहा है। जामुड़िया में सोदू के मोर्चा संभालने से शिखर पर बैठे राज को दिल और प्रेम को मैनेज करने में मुश्किलें आ रही है।

कुल्टी के इलाके में तस्करों के बीच रस्साकस्सी के कारण कोयला चोरी धीमी गति से हो रहा। लेकिन रानीगंज व सालानपुर के इलाके में कोयला चोरी परवान पर है। यहां चोरी किया गया रास्ता तीन रास्तों से बाहर भेजा जा रहा। सालानपुर के गोरांडी व मोहनपुर इलाके से निकला कोयला झारखंड के जामताड़ा जिला होते हुए धनबाद-साहिबगंज हाईवे होकर सीधा भागलपुर जा रहा। वहीं दूसरी ओर रानीगंज के मेजिया इलाके से होकर कोयला सीधा उड़ीसा की ओर। इस रास्ते में कहीं किसी को कोई रोकटोक नहीं। इन रास्तों में तस्करों के गुर्गों की भी गाड़ियां मानिटरिंग के लिए घूमती हैं। इन सबके अलावा पारबेलिया के अंगद का एक अलग ही खेल चल रहा है। इसमें हर महीने करीब 50 लाख की हेराफेरी की खबरें आ रही है। जल्द ही इसका भी खुलासा किया जायेगा।

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