ASANSOL

Suvendu Adhikari को दिमागी इलाज की जरूरत : दासू

आयकर छापे में 100 करोड़ मिलने के दावे पर तृणमूल का पलटवार

बंगाल मिरर, आसनसोल : राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने उत्तर बंगाल में एक सभा के दौरान दावा किया कि आसनसोल में आयकर विभाग की छापेमारी के दौरान तृणमूल कांग्रेस नेता इम्तियाज अली के घर से 100 करोड़ से अधिक नकदी बरामद की गई थी। लगातार तीन दिनों की तलाशी के बाद भी आयकर विभाग ने इसे लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। ऐसे में राज्य के नेता प्रतिपक्ष के इस दावे से राजनैतिक टकराव शुरू हो गया है। टीएमसी प्रदेश सचिव वी. शिवदासन दासू ने विपक्षी दल के नेता पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि उनका दिमाग ठीक नहीं है।

गौरतलब है कि 13 दिसंबर की सुबह से लेकर लगभग तीन दिनों तक आसनसोल और बर्नपुर में कम से कम सात स्थानों पर छापेमारी की और तलाशी ली। आयकर की टीम रानीगंज के पूर्व तृणमूल कांग्रेस विधायक सोहराब अली, कारोबारी सैयद इम्तियाज अहमद तथा कारोबारी महेन्द्र शर्मा के यहां कार्रवाई की थी। इनमें से सोहराब अली सीधे टीएमसी नेता है। इम्तियाज अहमद कारोबारी वह सीधे तृणमूल कांग्रेस के किसी भी राजनीतिक कार्यक्रम में नहीं रहते हैं। लेकिन सभी जानते हैं कि उनका शिल्पांचल के तृणमूल कांग्रेस नेताओं से करीबी रिश्ता हैं। छापेमारी के दौरान तृणमूल कांग्रेस के पार्षद समेत कई नेता और कार्यकर्ता दिन-रात इम्तियाज अहमद के घर के बाहर खड़े नजर आये। लेकिन इनमें से किसी ने भी मीडिया के सामने बयान नहीं दिया। उनके घर सेआयकर टीम दूसरे दिन बाद तलाशी पूरी कर लौट आई।

इस बीच अचानक उत्तर बंगाल के दौरे पर पहुंचे राज्य के विपक्षी दल के नेता ने शनिवार को न्यूजलपाईगुड़ी सभा में खुले मंच से दावा किया कि आयकर विभाग ने आसनसोल में छापेमारी की थी, आसनसोल से खबर मिली कि आयकर अधिकारियों को छापेमारी के दौरान तृणमूल नेता इम्तियाज अली के घर से 100 करोड़ से ज्यादा नकदी मिली है। उनके इस बयान से स्वाभाविक तौर पर हलचल मच गई।

रविवार को तृणमूल कांग्रेस के राज्य सचिव वी शिवदासन की ओर से दासू ने पलटवार कहा कि इम्तियाज अहमद एक व्यवसायी हैं। उनका टीएमसी से कोई लेना-देना नहीं है। सुवेंदु अधिकारी मानसिक रूप से बीमार हैं, उनका दिमाग ठीक नहीं है। उसे इलाज की जरूरत है। वह किसी को भी टीएमसी का नेता बता देते हैं। यह उचित नहीं है। राज्य के विपक्षी नेता ये बातें कहकर सिर्फ तृणमूल को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं, वह आम लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं । उन्होंने कहा कि आयकर विभाग ने इस अभियान के बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। तो राज्य के विपक्षी नेता को कैसे पता चला कि छापे में क्या मिला? क्या वह आयकर विभाग के मुखिया हैं?

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