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Asansol : 87 लाख के फर्जीवाड़े में निगम ने कराई एफआईआर

बंगाल मिरर, एस सिंह, आसनसोल : ( Asansol News In Hindi ) आसनसोल नगर नगम अंतर्गत कुल्टी बोरो कार्यालय में  87 लाख की  धोखाधड़ी करने के आरोप में नगर नगम के सचिव शुभोजीत बसु ने आखिरकार कुल्टी थाने में संबंधित कर्मी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। नगर निगम के सचिव ने थाना प्रभारी निरीक्षक को शिकायत की जांच कर तत्काल कार्रवाई करने के लिए कहा है। इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस पार्षद गुलाम सरवर लगातार मुखर रहे हैं। बोर्ड बैठक में बार – बार मुद्दे को उठाया। मामला उजागर होने के 2 साल बाद नये सिरे से प्राथमिकी दर्ज कराई गई।

kulti municipal corporation office
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बतायाजाता है कि कुल्टी बोरो कार्यालय के अस्थायी कर्मी  सोमनाथ महतो अन्य दिनों की तरह 21 दिसंबर 2020 को पंजाब नेशनल बैंक की दामागोड़िया शाखा में 1,76,256 रुपये जमा करने गए थे। इसके बाद से वह लापता हैं। छानबीनकी गई तो पता चला कि पैसे बैंक में जमा ही नहीं किया गया। फिर तीन जनवरी को नगर नगम की ओर से कुल्टी थाने में सोमनाथ महतो के नाम से गबन की शिकायत दर्ज कराई गई। तब यह मामला कुछ देर के लिए दबा दिया गया था। 

कांग्रेस पार्षद गुलाम सरवर की शिकायत के आधार पर नगर नगमनेफिर से इसकी जांच शुरू की। जांच में पाया गया कि एक अप्रैल 2015 से दिसंबर 2020 तक नगर नगम के बैंक खाते में 86 लाख 86 हजार 989 रुपये जमा नहीं किए गए। उसके बाद उस कर्मचारी का कोई पता नहीं चला। पिछली बैठक में गुलाम सरवर ने इस बात को लेकर खूब हंगामा किया कि 87 लाख रुपये के मामले में कोई एफआइआर तक क्यों नहीं किया गया। उन्होंने नगर सचिव को पत्र भी लिखा। इसके आधार पर, शहर के अधिकारियों ने नगर निगम के वकील और वित्त अधिकारी सहित तीन लोगों की एक समिति बनाई और तुरंत एफआइआर का आदेश दिया।

वर्ष 2015 से 2020 के बीच घोटाला का आरोप

फर्जीवाड़ा के बारे में एक अधिकारी ने बताया कि वह अस्थायी कर्मचारी नगर नगम का राजस्व नियमित रूप से बैंक में जमा करते थे। बैंक बुक स्लिप के जिस हिस्से में पैसा बैंक में जमा किया जाता था, उसमें पैसा दिखाया जाता था और स्लिप के दूसरे हिस्से में दिनभर में जितना पैसा कमाया जाता था, उससे कहीं ज्यादा पैसा दिखाया जाता था। बैंक टिकटों का भी उपयोग किया जाता था। नगर नगम में कैश रजिस्टर उस पर्ची से लिया जाता था। नतीजा यह हुआ कि नगर नगम में जमा की गई पर्ची के आधार पर यह मान लिया गया कि पूरी रकम जमा हो रही है। यह वित्तीय घोटाला अप्रैल 2015 से 2020 के बीच हुआ। बाद में उस विभाग के कई अधिकारियों को कारण बताने के लिए पत्र दिया गया।

अब पुलिस करेगी जांच : मेयरविधि विभाग के वकील सुदीप्त घटक ने कहा कि नगरपालिका की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि लेखा कार्यालय के अधिकारी विधि अधिकारियों के साथ मामले की जांच करेंगे। उस जांच के अंत में नगर सचिव ने मेयर की अनुमति से बुधवार को कुल्टी थाने में शिकायत दर्ज कराई। वहीं, मेयर बिधान उपाध्याय ने कहा कि थाने में शिकायत दर्ज कराई जा चुकी है। इस बार पुलिस जांच कर कानूनी कार्रवाई करेगी।

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