ASANSOL

Rail Strike : 50 साल बाद आह्वान, क्या थम जायेंगे ट्रेनों के पहिए?

19 को दी जायेगी हड़ताल की नोटिस

बंगाल मिरर, आसनसोल : नेशनल फेडरेशन आफ इंडियन रेलवे (एनएफआइआर) और आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन ( एआइआरएफ ) ने रेलवे कर्मचारियों सहित केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन शुरू करने की मांग और नई पेंशन नीति के विरोध में एक मई को अनिश्चितकालीन राष्ट्रव्यापी रेलवे हड़ताल का आह्वान किया है। चित्तरंजन के सीटू से संबद्ध श्रमिक संगठन ने हड़ताल के समर्थन में अभियान चलाया। विदित हो कि रेलवे कर्मचारियों के 8.33 प्रतिशत ओवरटाइम बोनस की मांग को लेकर देशभर में आठ मई 1974 को रेलवे हड़ताल शुरू हुई थी और 28 मई को रेलवे कर्मचारियों की मांगें माने जाने पर हड़ताल खत्म हुई थी। उस हड़ताल में ठीक 50 साल बाद फिर से रेल हड़ताल का आह्वान किया गया है ।

एनएफआइआर के अखिल भारतीय महासचिव एम रघुवैया ने कहा कि एक जनवरी 2004 से, उन्होंने केंद्र सरकार के कर्मचारियों की नई पेंशन नीति को रद करने के लिए देश भर में रेलवे कारखानों और जोनल रेलवे कर्मचारियों के माध्यम से अपने ट्रेड यूनियनों की ओर से हड़ताल के लिए पहले ही मत ले लिया था। उस मतपत्र में लगभग 100 प्रतिशत कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन नीति की बहाली की मांग को लेकर हड़ताल पर जाने के निर्णय का स्वागत किया। इसे देखते हुए एक मई से देशभर में रेल हड़ताल का आह्वान किया जा रहा है । इसमें न केवल जोनल रेलवे, बल्कि रेलवे कारखाने भी हड़ताल में शामिल होंगे। इस हड़ताल की स्थिति में देश की लाइफ लाइन रेल यातायात पूरी तरह से ठप हो जाएगी।

आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के महासचिव और ज्वाइंट फोरम फार रिस्टोरेशन आफ ओल्ड पेंशन स्कीम के संयोजक एस गोपाल मिश्रा ने कहा इस मुद्दे को बार-बार भारत सरकार के संबंधित विभागों के मंत्रियों के ध्यान में लाया गया है, लेकिन उन्होंने इस संबंध में कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं की है। हड़ताल कर आंदोलन किया जायेगा। उन्होंने कहा, सिर्फ भारतीय रेलवे ही नहीं, जहां भी केंद्र या राज्य सरकारों द्वारा नई पेंशन नीतियां लागू की गई हैं, वहां हड़ताल बुलाई गई है। भारतीय रेलवे के 18 प्रतिशत कर्मचारी पहले ही हड़ताल पर जाने का फैसला कर चुके हैं, जहां उनकी यूनियनें हैं। इसके लिए 19 मार्च को विभिन्न रेलवे स्टेशनों के प्रभारी महाप्रबंधक और अन्य संगठन भी अपने नियोक्ताओं को हड़ताल का नोटिस देंगे। उन्होंने कहा कि सरकार की नई पेंशन नीति से सेवानिवृत्त कर्मचारी काफी प्रभावित हैं, इसलिए एक मई मजदूर दिवस से पूरे देश में हड़ताल से पूरे भारत के रेलवे समेत सभी सरकारी संस्थान ठप किये जायेंगे। उन्होंने कहा यह हड़ताल अनिश्चितकाल तक जारी रहेगी।

वहीं चित्तरंजन रेलवे फैक्ट्री के सीटू से संबद्ध श्रमिक संघ के महासचिव राजीव गुप्ता ने कहा यहां एनएफआइआर, एआइआरएफ, रेलवे कर्मचारी संघ साथ हैं, इस मुद्दे पर हड़ताल के लिए लगभग 99 प्रतिशत मतपत्र लिए गए हैं और कर्मचारियों ने इसका समर्थन किया है। 19 मार्च को रेलवे अधिकारियों को अलग से हड़ताल का नोटिस भी देंगे। चित्तरंजन रेलवे कर्मचारी यूनियन की ओर से प्रदीप बनर्जी ने भी इस हड़ताल का समर्थन किया है।

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