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वृक्षारोपण

हरजीत निषाद

वृक्ष होंगे तो जीवन होगा,
पेड़ बचेगे तो विश्व बचेगा और
वृक्ष नहीं तो जीवन नहीं।

हरजीत निषाद, मुख्य संपादक,
संत निरंकारी पत्रिका

जुलाई -अगस्त का महीना हमारे देश में वृक्षारोपण के लिए सर्वाधिक उपयुक्त महीना है। पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से होना तो यही चाहिये था कि देश का हर नागरिक

इसे अपना काम समझ कर आगे आये और देश के कल्याणार्थ पूरी भारत भूमि को हरा भरा कर दे।

हरजीत निषाद, मुख्य संपादक,
संत निरंकारी पत्रिका

हमारे देश की यह उज्जवल परंपरा रही है कि लोग आम, अमरूद, महुआ, जामुन जैसे फलदार पेड़ बड़े चाव से लगाते थे और बड़ा होने तक उनकी पूरी देखभाल करते थे।इसके विपरीत आज के सुशिक्षत लोगों का सोच तो यही दिखता है कि पेड़ लगाना वन विभाग और सरकार का काम है और वही इसे करे।
इससे अच्छे तो वो कम पढ़े लिखे पुरानी पीढ़ी के लोग थे जो बड़ी लगन से पेड़ लगाते और उनकी परवरिश करते थे। हमें उनके उच्च आदर्शों को सामने रखकर पेड़ लगाने के लिये आगे आना होगा।

आज देश के 135 करोड़ लोग अगर एक एक पेड़ लगा दें तो देश में 135 करोड़ पेड़ एक झटके में लग जाएंगे। इससे वृक्षारोपड़ के क्षेत्र में न केवल हमारा देश अग्रणी होगा बल्कि हम अपनी खूबसूरत धरती को ज्यादा हरा भरा और खूबसूरत बनाने में भी सफल होंगे। पर्यावरण शुद्ध होगा तो हम ज्यादा स्वस्थ और खुशहाल होंगे।ध्यान रहे -वृक्ष होंगे तो जीवन होगा,
पेड़ बचेगे तो विश्व बचेगा और
वृक्ष नहीं तो जीवन नहीं।

हरजीत निषाद, मुख्य संपादक,
संत निरंकारी पत्रिका

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