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CAIT ने PM से किया रिटेल व्यापार में सुधार का आग्रह

व्यापारियों को सुविधाएँ मिले, करदाताओं का दायरा बढ़े

बंगाल मिरर, दलजीत सिंह, आसनसोल ः कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ज्ञापन भेजकर आग्रह किया है की तेजी से परिवर्तित हो रहे व्यापार करने के तौर तरीकों को देखते हुए देश के रिटेल व्यापार में अनेक सुधार आवश्यक हैं जिससे रिटेल व्यापार व्यवस्थित रूप से चले, व्यापारियों को सुविधाएँ मिले, करदाताओं का दायरा बढ़े जिससे सरकार के राजस्व में वृद्धि हो !

कैट ने इस सम्बन्ध अपने सुझाव प्रधानमंत्री को देते हुए आग्रह किया की कोविड के कारण देश भर के व्यापारी बेहद वित्तीय संकट में हैं जिससे उनको उबारने के लिए सरकार को व्यापारियों के लिए एक आर्थिक पैकेज घोषित करना चाहिए नहीं तो देश में लगभग 1 .75 करोड़ दुकानों के बंद होने की आशंका है !

प्रधानमंत्री को भेजे अपने ज्ञापन में कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा की देश भर में लगभग 7 करोड़ व्यापारी लगभग 40 करोड़ लोगों को रोज़गार देते हैं और प्रतिवर्ष लगभग 60 लाख करोड़ रुपये का व्यापार करते हैं किन्तु फिर भी अर्थव्यवस्था का यह महत्वपूर्ण सेक्टर सदा से ही उपेक्षा का शिकार रहा है

यदि भारत को वर्ष 2024 तक 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचना है तो इस सेक्टर को मजबूत किया जाना आवश्यक है ! उन्होंने कहा की कोरोना से प्रभावित हर सेक्टर को सरकार ने वित्तीय पैकेज दिया किन्तु 20 लाख करोड़ के पैकेज में व्यापारियों के ,लिए कोई प्रावधान नहीं किया जिससे देश का सारा व्यापार बेहद अनिश्चितता के दौर से गुजर रहा है !

श्री भरतिया एवं श्री खंडेलवाल ने प्रधानमंत्री को सुझाव देते हुए कहा की देश के रिटेल व्यापार पर अनेक प्रकार के कानून लगे हुए हैं जिनमें से अनेक कानून आजादी से पहले के भी हैं जिनमें अनेक कानूनों की प्रसंगिकता समाप्त हो गई है ! ऐसे सभी कानूनों की समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया जाए !

28 प्रकार से अधिक लाइसेंसों को समाप्त कर एक लाइसेंस की व्यवस्था हो

उन्होंने यह भी सुझाव दिया की व्यापार पर लागू लगभग 28 प्रकार से अधिक लाइसेंसों को समाप्त कर एक लाइसेंस की व्यवस्था हो और उस एक लाइसेंस से ही किसी भी प्रकार का व्यापार करने की अनुमति हो ! उन्होंने यह भी सुझाव दिया की रिटेल व्यापार में काम कर रहे व्यापारियों का सही आंकड़ा जानने के लिए शॉप एंड इस्टैब्लिशमेंट कानून में सभी व्यापारियों का पंजीकरण अनिवार्य किया जाए और उन्हें एक नंबर दिया जाए जो नंबर हर जगह देना अनिवार्य हो !

” भारतीय सामान – हमारा अभिमान “

श्री भरतिया एवं श्री खंडेलवाल ने मुद्रा योजना को अत्यंत प्रभावी बताते हुए कहा की अभी भी बड़ी संख्यां में देश भर के व्यापारियों को बैंकों की लालफीताशाही और असहयोगात्मक रवैय्ये के कारण मुद्रा लोन नहीं मिल पाता है! उन्होंने सुझाव दिया की नॉन बैंकिंग फाइनेंस कम्पनी तथा माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूशंस छोटे व्यापारियों को लोन दें तथा बैंक इन कंपनियों एवं इंस्टीट्यूशन को क़र्ज़ देकर इनकी लोन देने की क्षमता को बढ़ायें ! उन्होंने कहा की कैट द्वारा भारतीय सामान के अधिक उपयोग के लिए गत 10 जून से देश भर में एक प्रबल ” भारतीय सामान – हमारा अभिमान ” अभियान चलाया जा रहा है

जिसको सभी वर्गों के लोगों ने अपना समर्थन दिया है देश के प्रत्येक जिले में एक ” विशेष जोन” बनाया जाए जिसमें सभी प्रकार के सामान बनाने वाले लोगों को निर्माण इकाइयों हेतु रियायती दर पर जमीन दी जाए और अन्य अनेक प्रकार के लाभ देकर उन्हें अपनी निर्माण क्षमता को विकसित करने के लिए प्रेरित किया जाए ! इसी जोन में केवल एक विभाग हो और वही विभाग निर्माण इकाई स्थापित करने के लिए आवश्यक सभी प्रकार की सरकारी अनुमतियाँ दें ! इससे जहाँ देश की निर्माण क्षमता विकसित होगी वहीँ दूसरी और जिलें में आने वाले गाँवों के लोगों को रोज़गार भी उपलब्ध होगा !

जीएसटी का सरलीकरण भी जरूरी

दोनों व्यापारी नेताओं ने कहा की जीएसटी एक बेहतर कर प्रणाली है किन्तु उसमें अनेक वुयसंगतियाँ है और कर प्रणाली का सरलीकरण भी जरूरी है ! इसलिए जीएसटी की सभी कर दरों की समीक्षा की जाए और कर दरों को अधिक सामयिक बनाया जाए ! देश के प्रत्येक जिलें में जिला मजिस्ट्रेट या कलेक्टर की अध्यक्षता में व्यापारियों और अधिकारियों की एक संयुक्त समिति गठित तो जिससे व्यापारियों की परेशानियों का निराकरण हो और सरकार को भी राजस्व का लाभ हो !

उन्होंने सुझाव देते हुए कहा की आयकर में कॉर्पोरेट सेक्टर के लिए 22 प्रतिशत का कर स्लैब है जबकि छोटे व्यापारियों के लिए 30 प्रतिशत का कर स्लैब हैं जो बहुत बड़ी विसंगति है , इस हेतु व्यापारियों को भी 22 प्रतिशत के कर स्लैब के अंतर्गत लाया जाए !

डिजिटल पेमेंट पर लगने वाले बैंक चार्ज को सरकार समाप्त करे

श्री भरतिया एवं श्री खंडेलवाल ने सुझाव देते हुए कहा की डिजिटल पेमेंट को बृहद रूप से स्वीकार करने तथा ज्यादा उपयोग करने के लिए डिजिटल पेमेंट पर लगने वाले बैंक चार्ज को सरकार समाप्त करे और इस चार्ज को सरकार सब्सिडी के रूप में सीधे बैंको को दे वहीँ व्यापारियों को कंप्यूटर सिस्टम से युक्त करने के लिए रियायती दर पर सरकार कंप्यूटर उपलब्ध कराये !

ई कॉमर्स कंपनियों की मनमानी पर रोक लगाई जाए

ई कॉमर्स को भविष्य का व्यापार बताते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया की बड़ी ई कॉमर्स कंपनियों की मनमानी पर रोक लगाई जाए और जो कंपनियां सरकार की नीति का उल्लंघन कर रही हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए ! उन्होंने यह भी सुझाव दिया की ई कॉमर्स पालिसी को तुरंत लागू किया जाए तथा एक राष्ट्रीय रिटेल पालिसी भी घोषित की जाए !

श्री भरतिया एवं श्री खंडेलवाल ने यह भी सुझाव दिया की दिल्ली के व्यापारियों को सीलिंग से बचाने के लिए सरकार एक एमनेस्टी स्कीम लाये और 31 दिसंबर 2020 तक दिल्ली में जो भी दुकान है इसको आम माफ़ी दी जाए और एक जायज चार्ज लेकर ऐसी सभी दुकानों को नियमित किया जाए

! कैट ने यह भी सुझाव दिया है की व्यापारियों को कानून के दायरे में लाने हेतु सरकार 31 दिसंबर 2021 तक का समय निर्धारित कर व्यापारियों को कानों के अंतर्गत व्यापार करने की स्वतंत्रता दे और ऐसे किसी भी व्ह्यापारी के खिलाफ कोई कार्रवाई न हो एवं न ही उनसे पिछले व्यापार का हिसाब पुछा जाए !

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