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SAIL में मार्च तक नहीं हुआ वेतन समझौता तो अप्रैल से होगा आंदोलन

भारतीय इस्पात मज़दूर महासंघ की दो दिन का बैठक बोकारो मे संपन्न

बंगाल मिरर, एस सिंह, बर्नपुर : भारतीय इस्पात मज़दूर महासंघ BMS की दो दिन का महासंघ की बैठक बोकारो मे संपन्न हुई । जिसमे बर्नपुर से रविशंकर सिंह BIKS के अध्यक्ष, महामंत्री दीपक सिंह, ठीकेदार मज़दूर संघ के महामंत्री संजीत बनर्जी और महासंघ के कार्यकारिणी सदस्य अमित सिंह के साथ कुल्टी मज़दूर संघ के महामंत्री बिनय सिंह गए थे ।

जिसमे मुख्य रूप से 1-1-2017 से लंबित पढ़े वेतन समझौता को लेकर गहन चर्चा और परामर्श किया गया जिसमे wage revision की अवधी के साथ फ़्रिज बेनिफिट को परसेंटेज मे ही लेने की बात कहाँ गया और एक आम सहमति बानी की अधिकारियो के बराबर फ़्रिन्ज बेनिफिट मिलना चाहिए इस्पात
मंत्री जी के निर्देशानुसार मार्च के अंदर wage revision करने को कहाँ गया और यहाँ निर्णय लिया गया की तय अवधी के भीतर अगर wage revision नहीं होता है तो भारतीय मज़दूर संघ अप्रैल के महीने के किसी भी तारीख को हड़ताल पे जाने का निर्णय ले लिया है और यह भी निर्णय लिया गया की wage revision का बकाया राशि (Arrear) को 1-1-2017 से ही लेना है।


अगर इन मे से प्रबंधन हमारे इस मांग को नहीं मनाता और तय समय मे revision नहीं करता है तो भारतीय मज़दूर संघ इस्पात और मााइंस मे पूरी शक्ति के साथ हड़ताल पे जायेगा।
और हड़ताल पे जाने के लिए सभी पांचो NJCS के श्रमिक संगठनों को भी आग्रह करेगा
क्यों की ये लड़ाई पुरे इस्पात और माईनस के कर्मचारियों के अधिकार के लिए है और हमें पूरी शक्ति के साथ हड़ताल को सफलत करने का प्रयास करेगा दीपक सिंह ने कहा की
भारतीय मज़दूर संघ के द्वारा पिछले पांच सालो से लगातार WAGE REVISION को करवाने के लिए आंदोलन किया है लेकिन ये प्रबंधन हमारे इस शांतिपूर्ण ढंग और शालीनता को कमज़ोरी समझ रहा है
वो भूल गया की अगर कर्मचारि अपने पे आ गया तो बढ़े से बढ़े सरकार को पलट सकता है किसी भी प्रबंधन को झुका सकता है।


हम पिछले दो सालो से लाभ कमा रहे है और आने वाला समय इस्पात के लिए बहुत ही सुनहरा और अनुकूल बाज़ार है इसपर भी प्रबंधन श्रमिकों को बारगला रहा है और इसी आड़ मे हमारे एरियर को भी मरने की फिराक मे है वो समझता है की जो भी श्रमिक संगठनों को समझा देंगे वो समझ जायेंगे।


लेकिन प्रबंधन ये भूल गया है की आज कल के श्रमिक जागरूक है एक एक पाल की खबर उन्हें है और उन्हें क्या लाभ मिलेगा कहाँ किसने घाटा होगा वो भली भारी जानते है इसलिए ये BMS है प्रबंधन और उसके ठेकेदारो की बांतो मे आने वाली नहीं है अपना हक़ कैसे लेना है कितना लेना है वो जानती है और BMS पेंशन का अग्रीमेंट के समय ये साबित भी कर दिया है जहा चारो श्रमिक संगठन प्रबंधन की बातो मे आ गए थे वहा BMS ने SIGN नहीं किया था और उसमे बदलाव कराया फिर जाकर SIGN किया।
इसलिए प्रबंधन इस चक्कर मे ना रहे की जो भी बारगला देंगे और समय बारबाद कर के अपने हिसाब से अग्रीमेंट कराएँगे। इस गलत फहमी मे ना रहे,हम अपना अधिकार ले कर रहेंगे।

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