मंत्री ने लगवाया टीका, बढ़ी टीकाकरण की रफ्तार
निजी क्षेत्र को शामिल करने से कोरोना टीकाकरण को मिलेगी रफ्तार
बंगाल मिरर, राज्य ब्यूरो, कोलकाता ः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कोरोना का टीका लगवाने के बाद टीकाकरण की रफ्तार बढ़ गई है। विभिन्न केन्द्रीय तथा राज्य के मंत्री भी टीका लगवा रहे हैं। राज्य के श्रम व कानून मंत्री मलय घटक ने भी मंगलवार को कोलकाता के पीजी अस्पताल में टीका लिया।
वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान में निजी अस्पतालों को भी शामिल कर लिया है। पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीई) का यह मॉडल देश में कोविड वैक्सीनेशन की रफ्तार को कई गुना बढ़ाने में मददगार साबित होगा।
दिल्ली आईएलबीएस के डायरेक्टर डॉ. एस के सरीन ने खास बातचीत में बताया कि यह एक बहुत ही ऐतिहासिक कदम है क्योंकि जब वैक्सीनेशन की शुरुआत हुई तभी तय हो गया था कि आम आदमी तक वैक्सीन 15 मार्च के आस-पास पहुंचेगी। एक बात और है, अक्सर लोग मानते हैं कि इस तरह के सरकारी कार्यक्रम देर से लोगों तक पहुंचते हैं, लेकिन कोविड वैक्सीनेशन का प्रोग्राम समय से पहले ही आम आदमी तक पहुंचने लगा।
टीकाकरण को सफल बनाने के लिए कई सुविधाएं दी जा रही हैं, रजिस्ट्रेशन के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। चूंकि बाहर संक्रमण का खतरा है तो आप घर पर बैठ कर ही रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं और दी गई तारीख पर वैक्सीन लगवा सकते हैं। इससे बार-बार सेंटर जाने की भी जरूरत नहीं होगी।
आज के समय में निजी अस्पताल सरकार के साथ मिल कर काम कर रहे हैं। कोविड वैक्सीनेशन के लिए निजी अस्पताल भी तैयार हैं।
लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के डायरेक्टर डॉ एन.एन. माथुर कहते हैं कि प्राइवेट अस्पतालों को जब भी मान्यता दी जाती है तो पहले उनका सर्वे होता है। पूरी एक टीम जाती है और वैक्सीन स्टोर करने से लेकर मरीजों को लगाने और स्टाफ आदि फैसिलिटी का सर्वे करती है। अगर वो ठीक पाए जाते हैं तभी मान्यता मिलती है। वैसे जो प्राइवेट अस्पताल केंद्र सरकार के अंदर आने वाले सीजीएचएस के अंतर्गत आते हैं, या फिर आयुष्मान भारत, पीएमजे या कोई और राज्य सरकार के स्कीम के अंदर आते हैं तो उन्हें इसके लिए चुना गया है।
तय तारीख पर वैक्सीन लगवाएं
वहीं डॉ. एस के सरीन ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि जब समय और तारीख दी जाए इस दिन जाकर वैक्सीन लगवाएं, अगर किसी वजह से नहीं पहुंचे तो अगले दिन जा कर तुरंत वैक्सीन लगवाने के लिए जिद न करें, क्योंकि एक सेंटर पर अगर 100 डोज ही लगाने की अनुमति है तो अधिक नहीं लगा पाएंगे नर्स और डॉक्टर के पास वैक्सीन होगी ही नहीं कि वो किसी को लगाएं। इसलिए अगली तारीख ले कर जाएं।
सभी तक वैक्सीन जल्द से जल्द पहुंचाना लक्ष्य
सरकार की पहली कोशिश है कि सभी तक वैक्सीन सरलता और सुगमता से शीघ्र पहुंच जाएं। इसलए अब सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों में वैक्सीन की कीमत तय है। इस बारे में डॉ सरीन कहते हैं कि वैक्सीन का स्टोर, नर्स, डॉक्टर आदि द्वारा वैक्सीनेशन करना का जो खर्च है इन सब को शामिल किया गया है। सरकारी अस्पताल का खर्चा सरकार देगी, लेकिन प्राइवेट अस्पतालों में मात्र 250 रुपये रख कर सीमित कर दिया गया है ताकि कोई अस्पताल नागरिकों से ज्यादा न वसूल सके। वैसे सरकार की कोशिश की है कि सभी को वैक्सीन आसानी से जल्दी पहुंच जाएं इसलिए सरकारी और प्राइवेट दोनों तरह की व्यवस्था की गई है। वैसे ये भी व्यवस्था की गई है कि अगर कोई सरकारी अस्पताल में पहली डोज लिया है तो दूसरी प्राइवेट अस्पताल में भी ले सकता है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने पत्नी संग लगवाया स्वदेशी कोवैक्सीन टीका
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन और उनकी पत्नी ने दिल्ली हार्ट एंड लंग इंस्टीट्यूट में जाकर कोरोना का टीका लगवाया। मंगलवार को दोनों ने कोरोना की स्वदेशी वैक्सीन की पहली डोज ली। डॉ. हर्षवर्धन और उनकी पत्नी ने दिल्ली हार्ट एंड लंग इंस्टीट्यूट में 250-250 रुपये की पर्ची कटवाई और कोविड वैक्सीन को पहली डोज ली।
इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने कहा मैं इस अवसर पर देश के समस्त उन नागरिकों से अपील करूंगा जिनकी उम्र 60 साल से ऊपर है या वे 45 साल या 59 साल के बीच में है और उन्हें कोई दूसरी प्रमुख बीमारियां है वे कोरोना वैक्सीन जरूर लगवाएं।
टीकाकरण के दूसरे चरण के पहले दिन 60 वर्ष से अधिक आयु के 1,28,630 लाभार्थियों को दिया गया टीका
बता दें कि सोमवार को टीकाकरण के दूसरे चरण के पहले दिन 60 वर्ष से अधिक आयु के 1,28,630 लाभार्थियों और 45 साल तथा इससे अधिक आयु के 18,850 लाभार्थियों को कोविड-19 का पहला टीका दिया गया।
देश में अब तक टीके की 1.47 करोड़ से अधिक दी जा चुकी खुराक
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय अनुसार, देश में अब तक टीके की 1.47 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी है। सोमवार को सुबह नौ बजे को-विन वेबसाइट पर पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू होने के बाद 25 लाख लाभार्थियों ने पंजीकरण करवाया। इनमें से 24.5 लाख सामान्य नागरिक हैं और बाकी स्वास्थ्य कर्मी तथा अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर्मी हैं।