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Breaking : चुनाव जीतेंगे पर जश्न नहीं मना सकेंगे

आयोग ने वोट के बाद विजय जुलूस पर प्रतिबंध लगा दिया

बंगाल मिरर, राज्य ब्यूरो, कोलकाता : एक ओर देश में कोरोना कोहराम मचाये हुए है, इसी बीच 
चुनाव आयोग चुनाव करवा रहा है। बंगाल में मतदान Bengal Chunav का एक और चरण अभी भी बाकी है, फिर वोटों की गिनती होगी।  बंगाल में कोरोना संक्रमण का रिकार्ड रोज बन रहा है। इसे लेकर चुनाव आयोग Election Commission की भूमिका पर सवाल उठ रहा है। कलकत्ता उच्च न्यायालय और मद्रास उच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग को कड़ी फटकार लगाई। इस जिसके बाद अब आयोग ने वोट के बाद विजय जुलूस पर प्रतिबंध लगा दिया। यानि की चुनाव जीतेंगे पर जश्न नहीं मना सकेंगे। 


वहीं बड़ा सवाल है  कि जब कोरोना फैल रहा था तो चुनाव आयोग ने बड़ी सभाओं की अनुमति क्यों दी। मद्रास की एक अदालत ने सोमवार को  कोरोना की दूसरी लहर के लिए केवल आयोग को दोषी ठहराया। यही नहीं, मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी ने चुनाव आयोग के अधिकारियों की तुलना ‘हत्यारों’ से की और कहा, “हत्या के मुकदमे दर्ज किए जाएं।” तभी मद्रास हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग से वोटों की गिनती का ब्लूप्रिंट मांगा। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि मतगणना के दिन कोरोना को रोकने के लिए पर्याप्त योजना नहीं है, तो गिनती बंद कर दी जाएगी।


मद्रास उच्च न्यायालय की फटकार के तुरंत बाद, उपायुक्त सुदीप जैन ने राज्य चुनाव कार्यालय के साथ एक वीडियो सम्मेलन आयोजित किया। बैठक में मतदान कर्मचारियों द्वारा 2 मई को मतगणना के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों पर चर्चा की गई। फिर मंगलवार को चुनाव आयोग ने वोट के बाद विजय जुलूस पर प्रतिबंध लगा दिया। Election Commission
तमिलनाडु, केरल, असम, पांडिचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव Bengal Chunav के नतीजे 2 मई को जारी किए जाएंगे। यह नियम सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू होगा।

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