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घर पर कैसे करें ऑक्सीमीटर का सही इस्तेमाल, रखें इन बातों का ध्यान, कोवैक्सीन’ ने भी घटाई कीमत

बंगाल मिरर , विशेष संवाददाता: कोरोना वायरस से संक्रमित बड़ी संख्या में लोग इस वक्त होम आइसोलेशन में है और मरीज ऑक्सीजन का लेवल जांचने के लिए ऑक्सीमीटर का इस्तेमाल कर रहे हैं। समस्या यह है कि वह कई बार गलत तरीके से ऑक्सीजन लेवल चेक करते हैं, जिसके बाद मरीज और परिवार के लोग घबरा जाते हैं। लेकिन आज जानेंगे कि ऑक्सीमीटर से सही ऑक्सीजन लेवल चेक कैसे करें, ये एक बेहद आसान प्रक्रिया है बस कुछ बातों का ध्यान रखना होगा।

ऑक्सीजन लेवल चेक करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें

सवाल: ऑक्सीमीटर को हाथ की किस उंगली पर लगाएं?

जवाब: ऑक्सीमीटर को उस हाथ की उंगली पर लगाएं जिस हाथ से आप ज्यादातर काम कर रहे हैं। जैसे कोई दाएं हाथ से काम करता है तो उसकी बीच वाली उंगली पर ऑक्सीमीटर लगाएं।

सवाल: रीडिंग सही रहे इसके लिए क्या जरूरी है?

जवाब: ध्यान रहे कि आपकी उंगलियों पर नेल पॉलिश, तेल या दूसरी कोई चीज न लगी हो। साथ ही हाथ पूरी तरह से सूखे होने चाहिए क्योंकि पल्स ऑक्सीमीटर सेंसर के जरिए ब्लड में ऑक्सीजन का लेवल देखता है। इसके बीच यदि कुछ भी चीज आती है तो रीडिंग गलत हो जाती है। अगर हाथ ठंडे हों तो उन्हे रगड़ कर सामान्य कर लें।

सवाल: क्या उंगलियों की पोजीशन से रीडिंग पर फर्क पड़ता है?

जवाब: हाथ और उंगलियों की पोजीशन सीधी होनी चाहिए। चेक करते समय हाथ या उंगली मोड़नी नहीं है। इससे रीडिंग पर फर्क पड़ सकता है।

सवाल: सामान्य ऑक्सीजन लेवल कितना होना चाहिए?

जवाब: सामान्य ऑक्सीजन लेवल 94 तक होना चाहिए लेकिन यदि आपका वजन बहुत ज्यादा है तो यह 93 या 92 भी हो सकता है।

सवाल: ऑक्सीजन लेवल चेक करने में बैठने की पोजीशन कितनी महत्वपूर्ण है?

जवाब: यह जरूरी है कि आप आराम से सीधे बैठें और उसके बाद ऑक्सीजन लेवल को चेक करें। घबराएं नहीं सांस को सामान्य चलने दें , अगर तेज चल रही है तो थोड़ी देर नॉर्मल होने के लिए समय लें। सीने पर हाथ रखें और फिर चेक करें।

सवाल: कितनी रीडिंग होने पर डॉक्टर से कंसल्ट करने की जरूरत होती है?

जवाब: यदि यह 94 के बाद लगातार नीचे जाता रहता है तो आपको डॉक्टर से कंसल्ट करने की जरूरत है। एक बार ऑक्सीजन लेवल 85 या 90 आ गया और दूसरी बार चेक करने पर यह 95 या इससे ज्यादा आ रहा है तो हो सकता है कि पहले दिखने वाला ऑक्सीजन लेवल गलत हो।

सवाल: ऑक्सीमीटर को अलग-अलग उंगली में लगा सकते हैं?

जवाब: ऑक्सीमीटर को अलग-अलग उंगली में न लगाएं। कोशिश करें कि एक ही उंगली में उसे लगाकर चेक करें। उंगलियां बदलने से ऑक्सीजन लेवल अलग-अलग दिखाई देगा।

सवाल: ऑक्सीजन के सही लेवल का पता कैसे लगता है?

जवाब: ऑक्सीमीटर में ऑक्सीजन लेवल के साथ-साथ आपके स्वास्थ्य को भी देखा जाना चाहिए तभी सही ऑक्सीजन लेवल का पता चलता है। आप बिल्कुल स्वस्थ हैं, सांस नहीं चढ़ रही और ऑक्सीजन लेवल 90 या 91 दिखा रहा है तो यह गलत है। अगर, फीवर, जुकाम जैसे कुछ लक्षण हैं और सांस भी चढ़ रही है तो यह लेवल सही हो सकता है।

कोविशिल्ड के बाद अब स्वदेशी ‘कोवैक्सीन’ ने भी घटाई कीमत

देश में एक मई से 18+ वालों के लिए वैक्सीनेशन की शुरुआत हो रही है, जिसके लिए राज्य तैयारी में जुट गए हैं। कई राज्यों ने वैक्सीन निर्माता कंपनियों को वैक्सीन का ऑर्डर भी दे दिया है। हालांकि कई राज्यों ने संकट काल में वैक्सीन की कीमत कम करने की भी अपील की थी। इसी के मद्देनजर कोविशिल्ड के बाद अब स्वदेशी कोवैक्‍सीन के भी दामों में कटौती की गई है।

भारत बायोटेक ने राज्‍य सरकारों के लिए कोवैक्‍सीन टीके की कीमत कम कर दी है। अब राज्‍य सरकारों को पहले घोषित प्रति डोज 600 रुपये की बजाय 400 रुपये देने होंगे। भारत बायोटेक ने कहा है कि यह फैसला सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य व्‍यवस्‍था के सामने कई चुनौतियों को देखते हुए किया गया है। निजी अस्पतालों के लिए कोवैक्‍सीन की कीमत 1200 रुपये प्रति डोज होगी। निर्यात के लिए इसकी कीमत 15 से 20 डॉलर होगी।

कोविशील्‍ड की कीमत भी 400 रुपये से घटाकर 300 रुपये


इससे पहले, कोविशील्‍ड वैक्‍सीन की कीमत भी 400 रुपये से घटाकर 300 रुपये कर दी गई थी। एसआईआई के सीईओ अदार पूनावाला ने ट्वीट करके यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की तरफ से राज्य को दी जाने वाली वैक्सीन की कीमत 400 रुपये से घटाकर 300 रुपये प्रति डोज करता हूं। यह तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इससे राज्य के हजारों करोड़ रुपये की बचत होगी। इससे और ज्यादा वैक्सीनेशन हो पाएगा और कई जानें बचाई जा सकेंगी।