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तपस पोर्टल : फ्री ऑनलाइन कोर्स, सोशल डिफेंस सर्विस के लिए शुरू

बंगाल मिरर, विशेष संवाददाता :  काम करने और शिक्षा प्राप्त करने तथा फुरसत का समय बिताने के लिए ऑनलाइन माध्यम की तलाश करना आज समय की मांग है। इसी को देखते हुए सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने इच्छुक लोगों के लिए विभिन्न कोर्सेज वाला ट्रेनिंग फॉर ऑगमेंटिंग प्रोडक्टिविटी एंड सर्विसेज यानि तपस नामक ऑनलाइन शिक्षा पोर्टल लॉन्च किया है। इस पोर्टल के अंतर्गत सामाजिक रक्षा और दुरुपयोग की रोकथाम के अलग-अलग डोमेन में बड़े पैमाने पर ओपन ऑनलाइन कोर्स शुरू किये गए हैं। इसका उद्देश्य समाज के वंचित लोगों का विकास और कल्याण करना है।

आज राष्ट्रीय समाज रक्षा संस्थान (NISD) का निरीक्षण किया।संस्थान ने वर्तमान समय में प्रासंगिक “ऑनलाइन लर्निंग मेनेजमेंट सिस्टम” विकसित किया है जिसकी विवरण पत्रिका “तपस” (TAPAS) का लोकार्पण किया।@MSJEGOI @NISD_INDIA PIC.TWITTER.COM/XJOQJH0QXJ

— DR. VIRENDRA KUMAR (@DRVIRENDRAKUM13) AUGUST 14, 2021

लॉन्चिंग के दौरान, केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार कहते हैं कि तपस के माध्यम से मंत्रालय बड़ी संख्या में ऐसे लोगों तक पहुंच सकेगा जो सामाजिक रक्षा के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। यह पाठ्यक्रम परिवर्तन का मार्ग प्रशस्त करेगा और नई संभावनाओं को खोलेगा।

कौन-कौन से ऑनलाइन कोर्स किए गए हैं शामिल?

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल डिफेंस, एनआईएसडी द्वारा लॉन्च किये गए इस पोर्टल में 5 ऑनलाइन कोर्स होंगे। जिसमें ट्रांसजेंडर मुद्दे, सोशल डिफेंस मुद्दे, वृद्धावस्था/ बुजुर्गों की देखभाल पर कोर्स, डिमेंशिया के मरीजों की देखभाल को लेकर कोर्स और नशीले पदार्थों के दुरुपयोग पर कोर्स शामिल किये गए हैं। इन पांचों कोर्स से कोई भी लाभान्वित हो सकता है। सबसे मुख्य बात कि इस पोर्टल पर देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के शिक्षकों को शामिल किया गया है। ऑनलाइन कोर्स होने के कारण प्रशिक्षण लेने वाला कोई भी व्यक्ति दुनिया के किसी भी कोने से इसका फायदा उठा सकता है।

क्या होगा इस कोर्स में

सीखने की कोई उम्र नहीं होती, जिन ऑनलाइन कोर्स को शुरू किया गया है, उन्हें कोई भी कहीं से भी मुफ्त में सीख सकता है। इस कोर्स में वर्चुअल क्लास होंगी जिनमें क्लास लेने वाले शिक्षक क्लास लेने वाले प्रतिभागियों से बात करेंगे। जो भी टॉपिक या सिलेबस होगा, उसके हिसाब से पढ़ने के लिए सामग्री यानि नोट्स प्रदान किये जायेंगे। कन्वर्सेशन के लिए एक मंच भी दिया जाएगा, जिसमें कोई भी छात्र अपनी क्वेरी, टाइप करके बता पाएंगे और फिर आखिर में प्रतिभागियों की समझ का मूल्यांकन करने के लिए एक क्विज टेस्ट भी करवाया जाएगा।

सामाजिक बदलाव जमीन से शुरू होता है, और शुरुआत से ही हमारे देश की युवा शक्ति इस बदलाव की सूत्रधार रही है। इस पोर्टल के आ जाने से इतनी तो उम्मीदें हैं कि ये ऑनलाइन कोर्स लाभार्थियों के साथ सही तालमेल बैठाएगा और इनसे नशीले पदार्थों के दुरुपयोग, इच्छा मृत्यु यानि सुसाइड रोकथाम, वरिष्ठ नागरिक के अधिकार और ट्रांसजेंडर अधिकार जागरूकता जैसे विषयों के संबंध में युवाओं में जागरूकता पैदा करने में मदद करेगा।

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