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SAIL कर्मियों के पेंशन फंड के लिए 2000 करोड़ का आवंटन

बंगाल मिरर, एस सिंह, बर्नपुर: SAIL में आज पेंशन ट्रस्ट कमेटी की बैठक हुई इसकी अध्यक्षता के.के.सिंह और सचिव ए.के.  तुलसियानी।  बैठक में ट्रस्ट के अन्य सदस्यों के साथ SEFI के दो प्रतिनिधि भी मौजूद थे।  स्टील वर्कर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के महासचिव ललित मोहन मिश्रा ने बताया कि प्रारंभ में प्रबंधन ने पेंशन की वर्तमान स्थिति इस प्रकार दी:

1.  2 लाख से कम अंशदान वाले 24574 सेवानिवृत्त कर्मचारियों को ट्रस्ट द्वारा लगभग 224 करोड़ की राशि वापस की गई है।
२.  ८९२१ सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने २ लाख से अधिक अंशदान के साथ न्यास के माध्यम से ४८२ करोड़ की वार्षिकी खरीदी।
3.  कंपनी 30/06/2021 तक सेवानिवृत्त होने वाले व्यक्तियों की पेंशन को मंजूरी देगी।
4.  आज की तारीख तक सेवा में कार्यरत कर्मचारियों के लिए निदेशक वित्त द्वारा पेंशन निधि के लिए 2000 करोड़ रुपये का बजट आवंटन किया गया है।
5.  ६२७१७ कर्मचारियों में से ३६६८७ कर्मचारी पहले ही प्रान खाता खोल चुके हैं जो लगभग ५८.५% है।

हमने सीटू एसडब्ल्यूएफआई की ओर से सेल पेंशन योजना को एनपीएस के साथ विलय करने के सेल प्रबंधन के एकतरफा फैसले के खिलाफ आपत्ति जताई।  सेल के कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले सभी केंद्रीय ट्रेड यूनियनों (एचएमएस बैठक में शामिल नहीं हुए) ने इस एकतरफा फैसले के खिलाफ एक ही विचार व्यक्त किया।

कर्मचारियों के समूह के विरोध का जवाब देते हुए कंपनी ने कहा कि वह जल्द ही एक परिपत्र जारी करेगी जहां कर्मचारियों के लिए एनपीएस में विलय को वैकल्पिक बनाया जाएगा।  जिन कर्मचारियों ने पहले ही कंपनी के साथ अपना पीआरएएन पंजीकृत कर लिया है, वे भी उस समय अपनी पसंद का प्रयोग कर सकते हैं।

यह निर्णय लिया गया कि कंपनी ट्रस्ट को अपना योगदान अग्रेषित करेगी।  ट्रस्ट तब कर्मचारियों द्वारा प्रयोग किए गए विकल्प के अनुसार योगदान का वितरण करेगा।

सीटू/एसडब्ल्यूएफआई ने सेल पेंशन योजना के एनपीएस में विलय के संबंध में अपनी नाराजगी स्पष्ट रूप से व्यक्त की।  यह एक बड़ा फंड होने के कारण लोगों को स्वाभाविक रूप से यह अधिक आकर्षक लगेगा।  लेकिन फंड मैनेजर, निवेश विकल्पों के संचालन के तरीके आदि के चयन के संबंध में इसकी अपनी अंतर्निहित जटिलताएं भी हैं। सेल के पास समाज के विभिन्न स्तरों के कर्मचारी हैं और उनमें से अधिकांश ऐसी पेचीदगियों का न्याय करने में सक्षम नहीं होंगे और इसका परिणाम बड़ी संख्या में हो सकता है।  विवादों का।

सेल प्रबंधन और यूनियन अपने सामूहिक प्रयास से लंबे समय से पीएफ और एसईएसबीएफ ट्रस्ट चला रहे हैं और यह परेशानी मुक्त रहा है।  फंड के प्रबंधन में हमारे पास इतने बड़े अनुभव को देखते हुए मौजूदा पेंशन ट्रस्ट के साथ बने रहना हमारे लिए उपयुक्त होगा।  इसके अलावा किसी भी समस्या को आंतरिक रूप से सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाया जा सकता है।  लेकिन एनपीएस के मामले में ऐसे मुद्दों को निपटाने में कंपनी का कोई प्रभाव नहीं होगा।

हमने यह भी उठाया कि स्थायी और ठेका श्रमिकों दोनों का वेतन समझौता बिना किसी देरी के किया जाना चाहिए।  हमारी पिछली ओबी बैठक के निर्णय के अनुसार हम वेतन के तत्काल निपटान के संबंध में अपना आंदोलन और प्रदर्शन जारी रखेंगे।

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