ASANSOL

Asansol ढाई महीने बाद एमआईसी नहीं, BJP पार्षद  ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया

बंगाल मिरर, आसनसोल : आसनसोल नगरनिगम में ढाई महीने बाद एमआईसी का गठन नहीं होने पर आसनसोल नगर निगम की 27 नंबर वार्ड कि भाजपा पार्षद  चैताली तिवारी ने नगर निगम के खिलाफ बुधवार कोलकाता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने कहा कि  सभी जगहों पर बोलने के बाद भी जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो अंत में कोलकाता उच्च न्यायालय में मामला दायर करने के लिए मजबूर होना पड़ा। 

सनद रहे कि चैताली तिवारी ने आसनसोल नगर निगम के मेयर बिधान उपाध्याय को एक लीगल नोटिस दिया था। लीगल नोटिस के जरिए उन्होंने बिधान उपाध्याय से 10 दिनों के अंदर मेयर इन काउंसिल का गठन करने की मांग की थी। इस लीगल नोटिस में मेयर को संबोधित करते हुए अधिवक्ता चैताली तिवारी ने कहा था कि 25 फरवरी 2022 को वह मेयर बने थे। लेकिन पश्चिम बंगाल म्यूनिसिपल  एक्ट 2006 के नियमों के अनुसार 30 दिनों के अंदर वह मेयर इन काउंसिल का गठन नहीं कर सके। इसके बाद पश्चिम बंगाल सरकार के विशेष अधिकार के बलबूते उनको 30 दिनों का समय और प्राप्त हुआ। लेकिन इन 30 दिनों के अंदर भी वह मेयर इन काउंसिल का गठन करने में असफल रहे। यानि मेयर बनने के 60 दिन से अधिक बीत जाने के बावजूद अब तक मेयर इन काउंसिल का गठन नहीं हुआ है। 

जिससे आसनसोल वासियों को भारी दिक्कतें का सामना करना पड़ रहा है। इस संदर्भ में उन्होंने अर्बन डेवलपमेंट एंड म्यूनिसिपल अफेयर्स विभाग पश्चिम बंगाल सरकार के मुख्य सचिव को भी पत्र लिखा था। लेकिन वहां से भी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। जिसके बाद यह लीगल नोटिस उनको को दिया था।  उनसे 10 दिनों के अंदर मेयर इन काउंसिल का गठन करने की मांग की थी। वहीं 10 दिन बीत जाने के बाद भी बोर्ड गठन नहीं हुआ। अंत में मजबूरन कोलकाता हाई कोर्ट में मामला दर्ज किया। अब देखना है कि मामले पर हाईकोर्ट में कब सुनवाई होती है।

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