West Bengal

West Bengal Durgapuja 2022 : पूजा पंडालों के खुले पट

बंगाल मिरर, कोलकाता : West Bengal Durgapuja 2022 दुर्गापूजा को लेकर इस वर्ष विशेष उत्साह है। कोरोना संकट के बाद पहली बार बिना किसी रोकटोक के पूजा होने जा रही है। वहीं यूनेस्को ने सांस्कृतिक विरासत में शामिल कर इसे और बढ़ा दिया है। इस बार महालया के पहले ही पूजा पंडालों के उद्घाटन का दौर शुरू हो चुका है।   मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने महालय से तीन दिन पहले ही कोलकाता में कई पंडालों का उद्घाटन किया। कुछ लोग इसे लेकर भी राजनीतिक रंग दे रहे हैं। हालांकि  लोग इस पूजा के उद्घाटन को त्योहार को धर्म से अलग करने के दृष्टिकोण के रूप में मानते हैं।कल मुख्यमंत्री ने श्रीभूमि, एफडी ब्लॉक और ताला प्रत्याहार की पूजा का उद्घाटन किया।

मुख्यमंत्री ने सबसे पहले श्रीभूमि पूजा का उद्घाटन करते हुए कहा कि पूजा गुरुवार से शुरू हो गई हैएफडी ब्लॉक में आकर उन्होंने बंगाली भाषा को बढ़ावा देने के लिए पूजो के प्लेटफॉर्म को एक माध्यम के रूप में चुना। उन्होंने कहा, “अपने बच्चों को अंग्रेजी कविता भी पढ़ाएं। इसके साथ ही उन्होंने धन धान्य पुष्प भरा भी सिखाये।” 

वयोवृद्ध पुजारी शंभुनाथ स्मृतितीर्थ ने विवाद से बचते हुए कहा, “पूरे देश में, स्थानीय सरकारी कानून नियम है। इस पर बहस में क्या होगा?” उन्होंने समझाया, “दुर्गा मंदिरों में मां  पूजा साल भर की जाती है। उनका देवी पक्ष से कोई संबंध नहीं है।” उद्यमियों को समझाया मुख्यमंत्री ने थीम का उद्घाटन किया। एफडी ब्लॉक पूजा के अध्यक्ष बनीब्रत बनर्जी ने कहा, ‘ इसे लेकर अनावश्यक विवाद किया जा रहा है। पूजा का पालन करना चाहिए। उन्होंने मंडपम की मूर्ति का दौरा किया। थीम को आधिकारिक तौर पर लॉन्च किया गया था।

West Bengal Durgapuja 2022 फोरम फॉर दुर्गोत्सव के अध्यक्ष पार्थ घोष कहते हैं, ‘यह स्पष्ट है कि वह (ममता) त्योहार को महत्व दे रही हैं न कि पूजा के धार्मिक अनुष्ठान को। उनमें से दुर्गा पूजा के धर्मनिरपेक्ष पक्ष की अभिव्यक्ति है। यूनेस्को की मान्यता से इस बार पूजा अलग ही मूड में है। त्योहार को कुछ दिन और बढ़ा दिया जाए तो क्या हर्ज है!”

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