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UIDAI: AADHAR कार्ड होगा और सुरक्षित, AI के साथ नई तकनीकी विकसित की

बंगाल मिरर, विशेष संवाददाता : नागरिकों के आधार कार्ड के फर्जी उपयोग होने से रोकने के लिए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने बड़ा कदम उठाया है। इसके लिए UIDAI ने आधार फिंगरप्रिंट ऑथेंटिकेशन तकनीक को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग के साथ अपग्रेड किया है। दरअसल भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने बताया है कि आधार फिंगरप्रिंट प्रमाणीकरण और स्पूफिंग प्रयासों का तेजी से पता लगाने के लिए AI और मशीन लर्निंग आधारित नया सुरक्षा तंत्र विकसित किया गया है। हालांकि दो स्तरीय सत्यापन से आधार के दुरुपयोग की संभावना कम हो जाएगी। आइए जानते हैं कि कैसे आधार कार्ड और मजबूत और सुरक्षित हो रहा है…..


UIDAI के नई तकनीकी का उद्देश्य

आधार कार्ड सत्यापित करने की नई तकनीकी का मुख्य उद्देश्य दोहरी एवं फर्जी पहचान को समाप्‍त करना है। साथ ही इससे आधार कार्ड को आसानी एवं किफायती लागत में सत्‍यापित और प्रमाणित किया जाएगा। फिलहाल आधार कार्ड फिंगरप्रिंट प्रमाणीकरण के लिए यह नया सुरक्षा तंत्र या तकनीकी अब पूरी तरह कार्यात्मक हो गई है। हालांकि इस नई तकनीकी से आधार कार्ड का सत्यापन, AI और मशीन लर्निंग आधारित सुरक्षा तंत्र कैप्चर किए गए फिंगर प्रिंट की सजीवता की जांच करने के लिए फिंगर मिन्यूशिया और फिंगर इमेज दोनों के संयोजन का उपयोग किया जा रहा है।

आधार कार्ड होगा अब और सुरक्षित

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण द्वारा उठाया गया यह कदम आधार प्रमाणीकरण लेनदेन को मजबूत और अधिक सुरक्षित बना रहा है। इससे आपके आधार कार्ड का कोई दुरुपयोग नही कर सकता है। क्योंकि अब AI द्वारा फिंगरप्रिंट की सत्यता की जांच के लिए अंगुली की प्रकृति और अंगुली की गहरी व हल्की रेखाओं दोनों के संयोजन का उपयोग किया जाएगा। इस नई तकनीकी से जैसे ही कोई फर्जी किसी के आधार का उपयोग करेगा तो इसका तुरंत पता चल जाएगा। इसकी खासियत है कि अब देश के नागरिकों को आधार कार्ड यानि पहचान पत्र अधिक सुरक्षित हो रहा है।

आधार से वित्तीय लेनदेन होगा मजबूत


दरअसल देश में आधार आधारित प्रमाणीकरण लेन-देन को अपनाने में वृद्धि देखी जा रही है। वहीं UIDAI ने बताया है कि देश में दिसंबर 2022 तक आधार प्रमाणीकरण लेनदेन की संचयी संख्या 88.29 बिलियन पार कर गई है। इससे पता चलता है कि आधार से औसतन प्रति दिन 70 मिलियन का लेनदेन हो रहा था। इसलिए आधार कार्ड के जरिए नई तकनीकी के फिंगरप्रिंट-आधारित प्रमाणीकरण से वित्तीय लेनदेन और अधिक मजबूत होगा। इससे आधार का उपयोग करने से वित्तीय लेनदेन, दूरसंचार और सरकारी क्षेत्रों में नागरिकों का विश्वास बढ़ेगा और फर्जी आधार के दुरुपयोग में रोक लगेगी।

जानिए UIDAI के बारे में

यूआईडीएआई की स्‍थापना भारत के सभी निवासियों को ‘आधार’ नामक विशिष्‍ट पहचान संख्‍या जारी करने के उद्देश्‍य से की गई थी। ताकि यूआईडी द्वारा दोहरी एवं फर्जी पहचान को समाप्‍त किया जा सके। वहीं 31 मार्च,2021 तक, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण द्वारा भारत के निवासियों को कुल 128.99 करोड़ आधार नंबर जारी किए जा चुके हैं। UIDAI एक सांविधिक प्राधिकरण है। इसकी स्‍थापना आधार अधिनियम, 2016 के उपबंधों के अंतर्गत, इलेक्‍ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत दिनांक 12 जुलाई, 2016 को भारत सरकार द्वारा की गई थी।

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