इंद्रियों को भगवान के ध्यान में लगायें : स्वामी आत्मप्रकाश जी महाराज
मुरारका परिवार द्वारा आयोजित भागवत कथा में पहुंचे चेयरमैन
बंगाल मिरर, आसनसोल : आसनसोल एनएस रोड स्थित गौशाला में मुरारका परिवार की ओर एवं आसनसोल महावीर स्थान सेवा समिति के सहयोग से सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ के तीसरे दिन श्री राम अवतार और राम विवाह पर कथा हुई। मौके पर तीसरे दिन मुख्य अतिथि आसनसोल नगर निगम के चेयरमैन अमरनाथ चटर्जी, महावीर स्थान सेवा समिति के सचिव अरुण शर्मा, 44 नंबर वार्ड तृणमूल कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मुकेश शर्मा, बालकिशन मुरारका का पूरा परिवार, मोहन केशव भाई सहित पटेल परिवार, , राजकुमार शर्मा, नारायण मुरारका, बाल कृष्णा मुरारका, सरस मुरारका, सरोज मुरारका, पंखुड़ी मुरारका, शुचि पोद्दार, सुमित्रा टेबरेवाल, स्वेता टेबरेवाल, कपूर अग्रवाल, निरंजन शास्त्री, कृष्णा पंडित, मंजू अग्रवाल, ओम प्रकाश शर्मा, महेश शर्मा,रतन दीवान, मुकेश पहचान, बासुदेव शर्मा, मनीष भगत, प्रकाश अग्रवाल, अक्षय शर्मा, रौनक जालान सहित सैंकड़ों महिलाएं व पुरुष भक्त उपस्थित थे।
स्वामी आत्म प्रकाश जी महाराज ने कथा में कहा कि धन कमाकर धर्म में खर्च करना चाहिए। धन खर्च करने का यही सही जगह है। एक ही परमात्मा के सब भगवान है। सब भगवान एक ही है। भगवान में बड़े छोटे का भेदभाव नहीं करना चाहिए। शिकारी शेर को पिंजरे में कैद कर लेता है। वहीं जब शेर को जरा सी मौका मिल जाने पर शिकारी को नहीं छोड़ता है। इसलिए मन इंद्रियों से सदा सावधान रहना चाहिए। मन इंद्रियों को भगवान के ध्यान में लगाना चाहिए। गुरुजी ने कथा के माध्यम से कहा कि जो बहु अपने सास ससुर को बुढ़ापे में पति को बहका कर अगल करवाती है। परेशान करती है, वह नरक में जाती है। गुरुजी ने सभी महिलाओं को हाथ उठाकर शपत दिलाए की आज के बाद सभी महिलाएं अपने सास ससुर, माता पिता का आदर सम्मान करेंगी।