SAIL ISP में 6 अप्रैल को ऐसा क्या होनेवाला है, जिस पर टिकी हैं निगाहें
बंगाल मिरर, एस सिंह, बर्नपुर : सेल आईएसपी में 6 अप्रैल का दिन ऐतिहासिक होनेवाला है। इस दिन एक ओर जहां एक ऐतिहासिक निर्माण अतीत के पन्नों में दर्ज होगा, वहीं एक इतिहास के एक नये अध्याय की नींव रखने का मार्ग प्रशस्त होगा। । बता दें कि सेल आईएसपी में नये परियोजना के विस्तार के लिए आईएसपी के अंदर सैकड़ों वर्ष पुराने 5 कूलिंग टावरों को ध्वस्त किया जायेगा। आईएसपी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विदेशी विशेषज्ञ की देखरेख में 6 अप्रैल 2025 को दोपहर 12 बजे से 12.45 के बीच इन 5 कूलिंग टावरों को ध्वस्त किया जायेगा। उल्लेखनीय है कि आईएसपी की क्षमता 2.5 मिलियन टन से बढ़ाकर 7 मिलियन टन करने के लिए नई परियोजना आ रही है। जिसकी लागत लगभग 35000 करोड़ रुपये है और इसे पूरा होने में लगभग 5 वर्ष का समय लगेगा।




कूलिंग टॉवर एक विशेष हीट एक्सचेंजर है, जिसमें पानी के तापमान को कम करने के लिए हवा और पानी को एक दूसरे के सीधे संपर्क में लाया जाता है। इस्पात संयंत्र में उत्पादन प्रक्रिया के दौरान उत्पन्न अपशिष्ट ऊष्मा को हटाने, उपकरण की विश्वसनीयता सुनिश्चित करने तथा विभिन्न अनुप्रयोगों में प्रयुक्त पानी को ठंडा करके परिचालन दक्षता बनाए रखने के लिए कूलिंग टावर की जरूरत होती है। यह पांच कूलिंग टावर इंडियन आयरन स्टील एंड कंपनी (इस्को) की स्थापना के समय से ही बने हैं। अब यह इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जायेगा।
सूत्रों के अनुसार कूलिंग टावर को गिराने के लिए भारत में कोई विशेषज्ञ नहीं है, इसलिए विदेश से विशेषज्ञों को बुलाया गया है। 5 कूलिंग टावरों को इस प्रकार ध्वस्त किया जाएगा कि वे उसी जगह पर ही ध्वस्त हो जाएंगे तथा आसपास के क्षेत्र को कोई नुकसान नहीं होगा। जानकारों का कहना है इस प्रकार के बड़े टावर को गिराने का नजारा देखना काफी रोमांच भरा होगा। बताया जाता है कि जिस तरह से नोएडा में ट्विन टावरों को ध्वस्त किया गया था। यहां भी उसी तकनीक का इस्तेमाल होगा।