LatestNationalPolitics

नड्डा के काफिले पर हमले के जवाब में अभिषेक के निवास में तोड़फोड़


बंगाल मिरर, राज्य ब्यूरो, कोलकाता ः
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी के संसदीय क्षेत्र में हुए हमले की आंच दिल्ली पहुंच चुकी है। गुरुवार रात तक दिल्ली में रहने वाले कुछ लोगों ने बंग भवन और सांसद अभिषेक बनर्जी की आवासीय परिसर में कथित तौर पर तोड़फोड़ की है। यहां तक कि अभिषेक बनर्जी के नेम प्लेट पर कालिख पोत दी गई है।

banga bhawan at delhi file photo
banga bhawan at delhi file photo source google

इसका एक वीडियो सामने आया है जिसमें लोग नारेबाजी कर रहे हैं कि अभिषेक बनर्जी तुमको शर्म आनी चाहिए। हा दिल्ली पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है। शुक्रवार सुबह तक तृणमूल कांग्रेस की ओर से इस मामले में अभी तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई गई है। सावधानी बरतते हुए बंग भवन और अभिषेक बनर्जी के निवासियों क्षेत्र में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। दरअसल गुरुवार को डायमंड हार्बर के शिराकोल में जेपी नड्डा के काफिले पर पथराव हुआ था। डायमंड हार्बर अभिषेक बनर्जी का संसदीय क्षेत्र है।

आरोप लगा था कि बनर्जी के इशारे पर तृणमूल के लोगों ने पथराव किया था। इसमें नड्डा की गाड़ी बुलेट प्रूफ होने के कारण तो उन्हें कोई नुकसान नहीं हुआ था लेकिन राष्ट्रीय महासचिव और बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय के हाथ में फैक्चर हो गया है। मुकुल रॉय को चोट लगी है प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष की सुरक्षा में तैनात रहने वाले कर्मचारी को सिर में चोट आई है। एक भाजपा कर्मी का सिर फट गया है। कई गाड़ियां क्षतिग्रस्त हुई हैं।

काफिले पर कोई हमला नहीं हुआ : पुलिस

इसे लेकर बंगाल में राजनीतिक सरगर्मी तेज है। भाजपा ने इसके खिलाफ राज्यभर में विरोध प्रदर्शन भी किया। ममता बनर्जी ने दावा किया था कि नड्डा के काफिले पर कोई हमला नहीं हुआ। भाजपा नाटक कर रही है। राज्य पुलिस की ओर से भी ट्वीट किया गया था कि नड्डा सुरक्षित ढंग से गंतव्य तक गये।

बंगाल के गर्वनर ने मुख्यमंत्री ममता को किया सतर्क, कहा- आग से न खेलें


वहीं पश्चिम बंगाल के गर्वनर जगदीप धनखड़ ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सर्तक करते हुए कहा कि आप आग से न खेलें। भारतीय संविधान और कानून-व्यवस्था और बंगाल की संस्कृति का पालन करें। आपने शपथ ली है और संविधान के तहत काम करने की प्रतिबद्धता जताई है। यदि आप अपने दायित्व से भटकती हैं, तो मेरे दायित्व की शुरुआत होती है।उन्होंने कहा कि वह कुछ ब्यूरोक्रेट को संदेश देना चाहते हैं कि वह राजनीतिक दल के लिए काम कर रहे हैं। इससे अपने को बचाएं।

शुक्रवार को राजभवन में राज्यपाल पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। दरअसल, गुरुवार को डायमंड हार्बर में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हमले के बाद राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने इसे घटना को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय को रिपोर्ट भेज दी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 14 दिसम्बर को बंगाल के मुख्य सचिव और डीजीपी को तलब किया है।


पत्रकार वार्ता में राज्यपाल धनखड़ ने कहा कि राज्य की कानून व्यवस्था की स्थिति लगातार बिगड़ रही है। मेरे बार-बार मुख्यमंत्री व प्रशासन को सतर्क करने के बावजूद यह स्थिति हो रही है। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं अपने संवैधानिक दायित्व का पालन कर रहा हूं और मुख्यमंत्री को संविधानिक दायित्व का पालन करना चाहिए। सभी को संविधान मानकर चलना होगा। राज्यपाल ने कहा कि कल महत्वपूर्ण दिन था। मानवाधिकार दिवस था। पूरा विश्व मानवाधिकार दिवस का पालन कर रहा था। बंगाल में मानवाधिकार का उल्लंघन हुआ है। मैंने मुख्यमंत्री के बयान को बहुत ही गंभीरता से लिया है।

कैसे एक जिम्मेदार सीएम, जो संविधान पर, कानून पर विश्वास करती हैं, बंगाल की समृद्ध संस्कृति को प्रतिनिधित्व करती है, वह इस तरह का बयान दे सकती हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने उनसे बयान और वीडियो वापस लेने की अपील की है। एक जिम्मेदार सीएम क्या इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करती हैं। यदि वह क्षमा मांगती हैं, तो उनका सम्मान बढ़ेगा। उन्होंने स्थानीय एमएलए व एमपी से अपील की कि घटनाएं घटती रहेगी, लेकिन प्रजातंत्र को नहीं आघात करें। डायमंड हार्बर की घटना पर सौगत रॉय के बयान से उन्हें दुःख पहुंचा है।


बाहरी के बयान पर जताई आपत्ति –


राज्यपाल ने कहा कि यह बयान देना कि ये बाहर के हैं, सही नहीं है। हम भारत वर्ष में हैं। यह बात करना “यह अंदरुनी है और यह बाहरी है”, बिल्कुल गलत है। जो कानून के शासन पर विश्वास करता है वह ऐसी बातें नहीं करता। संविधान की प्रस्तावना को पढ़ें। भारत की आत्मा एक है। भारत की नागरिकता एक है। यह तो खतरनाक खेल है। कौन बाहरी, कौन अंदरूनी उसे त्याग दें।


सीएस व डीजीपी के रवैये से शॉक्ड व लज्जित –

राज्यपाल ने कहा कि कल की घटना के बारे में जब मुझे जानकारी मिली तो चिंता होना स्वाभाविक था। सुबह से राज्य के सीएस व डीजीपी से संपर्क साधा। मैंने डिटेल्स जानकारी दी। कहा कि आपकी पुलिस पोलिटिकल पुलिस हो गई है। इस कारण यह घटना हो गई है। उसके बाद वह साइलेंस मोड में चले गए। भ्रष्टाचार का बोलबाला है और प्रशासन का राजनीतिकरण हो गया है। सभी लंबित मामले पर बात करुंगा, लेकिन कोई जानकारी नहीं दी। मैं शॉक्ड था। लज्जित था। वे वरिष्ठ अधिकारी थे।

Leave a Reply