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Coal Smuggling : इसीएल को हाईकोर्ट की कड़ी फटकार, पूछा सो रहे थे, सीपी को हाजिर होने का निर्देश

अवैध कोयला कारोबार पर अंकुश लगने के बाद इसीएल के कोल बुकिंग में 478 करोड़ रूपये की वृद्धि

बंगाल मिरर, कोलकाता :  अवैध कोयला खनन (Coal Smuggling ) मामले में कलकत्ता उच्च न्यायालय ( Calcutta Highcourt ) ने ईसीएल (ECL )को कड़ी फटकार लगाई है। 2013 में दायर एक जनहित याचिका ( PIL) की सुनवाई के दौरान कलकत्ता उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल ने पूछा, ‘क्या आप इतने लंबे समय से सो रहे हैं? कार्रवाई क्यों नहीं करते? आपने कोर्ट का ध्यान क्यों नहीं खींचा?’ वहीं कोर्ट ने आसनसोल-दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट (ADPC )के पुलिस कमिश्नर को 11 नवंबर को वर्चुअल कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया.

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उल्लेखनीय हैं? कि राज्य में अवैध कोयला खनन और कोयले की अवैध आपूर्ति को रोकने की मांग को लेकर 2013 में कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई थी। न्यायालय में जनहित याचिकाकर्ताओं की शिकायतों, अवैध कोयला खनन और कोयला तस्करी पर तत्काल रोक लगनी चाहिए। बर्द्धमान रेंज के आईजी भरत लाल मीना इस मामले की वास्तविक स्थिति से अवगत कराने वर्चुअल कोर्ट में मौजूद थे. हालांकि उन्होंने कहा कि यह मामला उनके क्षेत्र में नहीं आया। बीरभूम और हुगली जिलों की बात करें तो यह उनका इलाका नहीं है। इस बीच ईसीएल की ओर से वकील शिवशंकर बनर्जी ने सीबीआई से केस करने की मांग की। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ने ईसीएल को फटकार लगाईथी। उन्होंने कहा, “अवैध कोयला खनन का मामला 2013 में दर्ज किया गया था।” क्या आप इतने समय से सो रहे हैं? कार्रवाई क्यों नहीं करते? आपने कोर्ट का ध्यान क्यों नहीं खींचा?’

हालांकि, उसी दिन सीबीआई ने एक सीलबंद लिफाफे में अवैध कोयला खदान के बारे में सूचना दी। राज्य की ओर से रिपोर्ट भी सौंपी गई। कोर्ट ने आसनसोल-दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट के पुलिस कमिश्नर को 11 नवंबर को वर्चुअली कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया.
गौरतलब है.कि सीबीआई ने इसी साल अवैध कोयला खनन से जुड़ी जानकारियां जुटाना शुरू कर दिया है. इसके लिए 30 सीबीआई अधिकारियों के साथ ‘स्पेशल 30’ टीम बनाई गई थी। सीबीआई ने जाकर देखा है.कि रानीगंज, जमुरिया और आसनसोल की अलग-अलग खदानों में कैसे कोयला निकाला जाता है. अवैध रूप से कितने कोयले की तस्करी हुई है. इसकी जांच सीबीआई ने शुरू कर दी है. सीबीआई के अनुसार, राज्य में विभिन्न खदानों से अवैध रूप से कोयला निकाला जाता था और उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में तस्करी की जाती थी।


इससे पहले सीबीआई ने ईसीएल (ECL ) को पत्र लिखकर यह जानना चाहा था कि क्या कोयला घोटाले (Coal Smuggling ) की सीबीआई जांच का कोई असर हुआ है। उस पत्र के मद्देनजर, ईसीएल ने बताया कि जांच शुरू होने के बाद से कोयले की आपूर्ति में काफी वृद्धि हुई है। कुछ महीने पहले, ईसीएल ने बताया कि कोयले की आपूर्ति 46 प्रतिशत से बढ़कर 73 प्रतिशत हो गई है। भेजे गए कोयले की मात्रा में भी वृद्धि हुई है। ईसीएल के मुताबिक, यह 63 फीसदी से बढ़कर 90 फीसदी हो गया है। वहीं, ईसीएल ने रिपोर्ट में कहा, कोयले की बुकिंग में 478 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है।

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