ASANSOL

Dhyan Foundation गोवंश की सेवा के लिए सक्रिय, बीएसएफ द्वारा तस्करों से बचाये गये गायों को लाया आसनसोल

बंगाल मिरर, आसनसोल :  ध्यान फाउंडेशन Dhyan Foundation द्वारा गोवंश की रक्षा और सेवा के लिए सराहनीय कार्य किया जायेगा। आसनसोल के छातापाथर स्थित बंद ग्लास फैक्ट्री में फाउंडेशन द्वारा संचालित गोशाला में गोवंश की सेवा की जा रही है। ध्यान फाउंडेशन की स्वयंसेविका गायत्री कपूर ने बताया कि बीते 16 अक्टूबर को निमतिता बॉर्डर आउटपोस्ट नदर्न फ्रंटियर से बीएसएफ के जवानों की ओर से बचाये गए 18 गायों को ध्यान फाउंडेशन के आसनसोल उषाग्राम स्थित बंद ग्लास फैक्टरी परिसर स्थित गौशाला लाया गया। उन्हें बीएसएफ जवानों द्वारा तस्करों से बचाया गया था जो उन्हें भारतीय सीमा पार करवाने की फिराक में थे।

Dhyan Foundation

गायत्री कपूर ने बताया कि आसनसोल के उषाग्राम स्थित बंद पड़े ग्लास फैक्टरी परिसर में तस्करों के हाथों से बचाए गए मवेशियों को लाया गया है। यहां उनकी संस्था की तरफ से बीते डेढ़ वर्षों से यह सेवा कार्य किया जा रहा है। दिल्ली की इस संस्था की पूरे देश में 43 गौशालाएं हैं जहां ध्यान फाउंडेशन के स्वयंसेवक करीब 70 हजार मवेशियों का ध्यान रखते हैं जिन्हें तस्करों से बचाया गया है। गायत्री कपूर ने कहा कि बीएसएफ के जवान अपनी जान की बाजी लगाकर तस्करों के हाथों से इन्हें बचाते हैं लेकिन कुछ अधिकारियों के कारण बीएसएफ के जवानों की सारी मेहनत धरी की धरी रह जाती है।

ऐसे की जाती है तस्करी


गौ तस्कर गायों व गौवंशों को एक सामान की तरह छोटे से वाहन में भरकर लाते हैं, जिससे इन्हें चोट भी लगती हैं। इतना ही नहीं, तस्कर इन मवेशियों की आंखों में हरी मिर्च लगा देते हैं। साथ ही मवेशियों को भूख न लगे इसके लिए उन्हें खतरनाक इंजेक्शन तक लगाए जाते हैं। उन्होंने बताया कि सीमा पार कराते वक्त इन गायों को या तो क्रेन के सहारे उठाकर सीमा के उस पार फेंक दिया जाता है या फिर केले के पेड़ से बांधकर इन्हें नदी के रास्ते सीमा पार करवा दिया जाता है। इन तस्करों की हिम्मत की दाद देनी पड़ेगी कि जब बीएसएफ के जवान उन्हें पकड़ने जाते हैं तो उन पर बमबारी की जाती है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि इतना सब करके जब बीएसएफ के जवान इन मवेशियों को बचाकर पुलिस के हवाले करते हैं तो पुलिस इनकी नीलामी कर देती है। उन्होंने बताया कि उनकी संस्था Dhyan Foundation ऐसे मवेशियों की सेवा करती है। इनके स्वयंसेवक आपस में ही पैसों का इंतजाम कर इन मवेशियों की सेवा करते हैं। आसनसोल के इस गौशाला में लगभग 500 मवेशी हैं जिनका ध्यान फाउंडेशन के स्वयंसेवक दिन-रात सेवा कर रहे हैं।

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