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कृषि कानून: मोदी ने तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को रद्द करने की घोषणा, किसान जीते सरकार हारी

बंगाल मिरर, विशेष संवाददाता: हमारे इरादे ईमानदार थे,” मोदी ने अफसोस जताया। लेकिन हम कुछ किसानों को कृषि कानून के लाभों के बारे में नहीं समझा पाए हैं।” फ़ाइल छवि। विज्ञापन अंत में केंद्र तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस ले रहा है।पिछले एक साल से किसान इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं। यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कही।

यानी केंद्र सरकार और मोदी पीछे हट गए। वे इस स्थिति से दूर चले गए कि वे कृषि कानून को लागू करने के लिए अड़े थे। “हमारे इरादे ईमानदार थे,” मोदी ने अफसोस जताया। लेकिन हम कुछ किसानों को कृषि कानून के लाभों के बारे में नहीं समझा पाए हैं।” प्रधानमंत्री ने किसानों से आंदोलन का रास्ता छोड़कर अपने खेतों में लौटने की भी अपील की. “चलो फिर से शुरू करते हैं,” उन्होंने कहा, “अब किसी को दोष देने का समय नहीं है।”

गुरु नानक जयंती पर मोदी की घोषणा को राजनीतिक विश्लेषक ‘महत्वपूर्ण’ मानते हैं। दिल्ली के बाहरी इलाके में ज्यादातर किसान पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से हैं, जो कृषि अधिनियम को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। उनके पास एक बड़ी सिख और जाट आबादी है। अगले साल की शुरुआत में पंजाब और उत्तर प्रदेश में विधानसभा वोट है।

तीन कृषि विधेयकों को कानून में संशोधन के बाद दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के खिलाफ पिछले साल सितंबर में विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ था। खासकर पंजाब में विरोध प्रदर्शन तेज होते जा रहे हैं। किसान संगठनों ने सड़क जाम और रेल रोकोको आंदोलन के जरिए कृषि कानून का विरोध किया। उन्होंने शिकायत की कि नए कानून से किसानों को नुकसान होगा।


फसल के साथ उनकी सौदेबाजी की शक्ति कम हो जाएगी और वे पारंपरिक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से वंचित हो जाएंगे। साथ ही निजी और बड़ी कंपनियों के लिए कृषि उत्पादों के भंडारण का रास्ता खुल जाएगा। मोदी सरकार का दवा था कि नये नियमों के बावजूद नया कृषि कानून किसानों को किसी भी तरह से वंचित नहीं करेगा. एमएसपी सिस्टम भी होगा।

पीएम मोदी ने शुक्रवार को तीनों नये कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा करते हुये आंदोलनरत किसानों से घर लौटने की अपील की। उन्होंने कहा कि 29 नवम्बर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में तीनों कृषि कानूनों को भंग करने की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए देश को संबोधित करते हुये गुरु नानक जयंती के अवसर पर लोगों को शुभकामनाएं दीं। साथ ही इस बात पर भी प्रसन्नता व्यक्त की कि डेढ़ साल के अंतराल के बाद करतारपुर साहिब कॉरिडोर अब फिर से खुल गया है।

प्रधानमंत्री ने कृषि विकास और किसान कल्याण को सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए कहा कि मैंने अपने पांच दशकों के सार्वजनिक जीवन में किसानों की चुनौतियों को बहुत करीब से देखा है, इसलिए जब मुझे 2014 में प्रधानमंत्री के रूप में देश की सेवा करने का अवसर दिया गया तो हमने कृषि विकास और किसान कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंंत्री ने कहा कि हमारी सरकार किसानों के कल्याण के लिए, खासकर छोटे किसानों के कल्याण, गांव गरीब के उज्ज्वल भविष्य के लिये नेक नीयत से यह कानून लेकर आई थी। लेकिन, तमाम प्रयासों के बावजूद इतनी पवित्र, पूर्ण रूप से शुद्ध और हित की बात हम उन्हें समझा नहीं पाये। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि देश के कोने-कोने में कोटि-कोटि किसानों और अनेक किसान संगठनों ने इन कानूनों का स्वागत और समर्थन किया था। मैं आज उन सभी का बहुत आभारी हूं।

उन्होंने आगे कहा, “बरसों से यह मांग देश के किसान, कृषि विशेषज्ञ, देश के किसान संगठन लगातार कर रहे थे। पहले भी कई सरकारों ने इस पर मंथन किया था। इस बार भी संसद में चर्चा हुई। मंथन हुआ और ये कानून लाए गए। कृषि अर्थशास्त्रियों, वैज्ञानिकों, प्रगतिशील किसानों ने भी किसानों को कृषि कानूनों के महत्व को समझाने का भरपूर प्रयास किया। लेकिन, हम अपने प्रयासों के बावजूद इतनी पवित्र, पूर्ण रूप से शुद्ध और किसानों के हित की बात उन्हें समझा नहीं पाये।”

देश के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि किसानों की स्थिति को सुधारने के महाअभियान में तीन कृषि कानून लाए गए थे। मकसद यह था कि देश के किसानों खासकर छोटे किसानों को अधिक ताकत मिले। उन्हें अपनी उपज की सही कीमत और उपज को बेचने के लिए ज्यादा से ज्यादा विकल्प मिले। बरसों से यह मांग देश के किसान, कृषि विशेषज्ञ और किसान संगठन लगातार कर रहे थे। देश में खेती-किसानी को मजबूत करने और छोटे किसानों को संबल देने वाले प्रयासों की चर्चा करते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के छोटे किसानों की चुनौतियों को दूर करने के लिए हमारी सरकार ने बीज, बीमा, बाजार और बचत को लेकर चौतरफा काम किया है। सरकार ने अच्छी क्वालिटी के बीज के साथ ही किसानों को नीम कोटेड यूरिया, सॉयल हेल्थ कार्ड, माइक्रो इरिगेशन जैसी सुविधाओं से भी जोड़ा है। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह बहुत सुखद है कि डेढ़ साल के अंतराल के बाद करतारपुर साबिह कॉरिडोर अब फिर से खुल गया है। उन्होंने गुरु नानक देव जी के पवित्र प्रकाश पर्व पर सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई भी दी। 

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