ASANSOL

Asansol : VC के इस्तीफे की मांग पर सड़क पर उतरे, प्रोफेसर एवं कर्मी

बंगाल मिरर, आसनसोल  : ( Asansol Live News Today In Hindi ) आज आसनसोल के काजी नजरुल विश्वविद्यालय के शिक्षक  और शिक्षा कर्मचारियों ने आसनसोल के बीएनआर इलाके में एक विरोध रैली निकाली कुछ देर के लिए वह सड़क पर बैठ गए और अपना विरोध प्रदर्शन करने लगे। वह लोग कुलपति के इस्तीफे की मांग कर रहे थे। इस तरह से यह आन्दोलन अब केएनयू के बाहर सड़क पर आ गया।

आपको बता दें कि बीते कुछ समय से आसनसोल के काजी नजरुल विश्वविद्यालय में शिक्षकों और यहां के वाइस चांसलर के बीच विवाद चल रहा है शिक्षक सहित सभी कर्मचारियों की मांग है कि वाइस चांसलर को उनके पद से हटाया जाए आज रैली के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए तृणमूल समर्थित वेबकूपा के पदाधिकारी और विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग के प्रोफेसर सजल भट्टाचार्य ने कहा की काजी नजरुल विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर भ्रष्टाचारी हैं तानाशाह है और उनके साथ काम नहीं किया जा सकता

उनका साफ कहना था कि विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर को हटाना होगा और उन्होंने जो अनैतिक तरीके से विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार को डिस्चार्ज आर्डर दिया है उसे वापस लेना होगा उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर पूरी तरह से भ्रष्टाचारी है उन्होंने वाइस चांसलर के लिए ही लाखों रुपये का साजो सामान खरीदा जबकि विश्वविद्यालय को फंड की जरूरत है ऐसी हालत में इस तरह के खर्चे पूरी तरह से अनैतिक है उन्होंने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय के अकाउंट में भी धांधली की गई है उनका कहना था कि विश्वविद्यालय में किसी भी अकाउंट में वाइस चांसलर रजिस्ट्रार और फाइनेंस ऑफिसर का हस्ताक्षर होना लाजमी है लेकिन ऐसे दो अकाउंट के बारे में पता चला है जिनमें एक अकाउंट में सिर्फ वाइस चांसलर और दूसरे अकाउंट में विश्वविद्यालय के डेवलपमेंट ऑफिसर महेश्वर माल्यदास के हस्ताक्षर है

उन्होंने बताया कि इस तरह से अकाउंट रखना पूरी तरह से अनैतिक है इनका साफ कहना था कि विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर को जो 3 महीने का कार्यकाल और दिया गया है इस बारे में उनके पास कोई जानकारी नहीं है साथ ही उन्होंने रजिस्ट्रार को डिस्चार्ज करने के आदेश को वापस लेने की मांग की उनका कहना है कि वाइस चांसलर भोज विश्वविद्यालय नहीं आ रहे हैं रजिस्ट्रार को डिस्चार्ज कर दिया है डिप्टी रजिस्ट्रार भी छुट्टी पर है और डेवलपमेंट ऑफिसर भी नहीं आ रहे हैं ऐसे में विश्व विद्यालय में पठन-पाठन का माहौल बनाए रखना बेहद मुश्किल हो रहा है।

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