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Asansol : क्यों रुका अभियान, विपक्ष हमलावर,‌ गुटबाजी से लेकर गंभीर आरोप

बंगाल मिरर, आसनसोल : ( Asansol Latest News ) आसनसोल के हटन रोड पर अतिक्रमण हटाने का अभियान रुका, टीएमसी की अंदरूनी गुटबाजी पर उठे सवालआसनसोल, पश्चिम बंगाल (22 मई 2025): आसनसोल नगर निगम (एएमसी) द्वारा हटन रोड से अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए शुरू किया गया बहुप्रचारित अभियान गुरुवार को अज्ञात कारणों से अचानक स्थगित कर दिया गया, जिससे राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया। विपक्षी नेताओं ने इस स्थगन को सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की अंदरूनी गुटबाजी का परिणाम बताया है, और पार्टी पर जनहित के बजाय राजनीतिक हितों को प्राथमिकता देने का आरोप लगाया है।हटन रोड, जिसे आसनसोल का “दिल” कहा जाता है, शहर का एक महत्वपूर्ण मार्ग है, जो आसनसोल जिला अस्पताल, स्कूलों और कोलकाता, पुरुलिया व झारखंड को जोड़ने वाले रास्तों से जुड़ा है। सड़क के किनारे अवैध दुकानों, ऑटो-रिक्शा और टोटो (ई-रिक्शा) चालकों के अतिक्रमण ने भारी ट्रैफिक जाम की स्थिति पैदा कर दी है, जिससे मरीजों को अस्पताल पहुंचने, स्कूली बच्चों को आवागमन में और यात्रियों को स्टेशन पहुंचने में भारी परेशानी हो रही है। कई बार जाम के कारण लोगों की ट्रेन भी छूट जाती है।सोमवार को एएमसी की एक बोर्ड बैठक में शहर के 106 वार्डों के विकास पर चर्चा हुई, जिसमें हटन रोड की समस्याओं को हल करने के उपाय शामिल थे। चेयरमैन अमरनाथ चटर्जी, डिप्टी मेयर अभिजीत घटक और बरो चेयरमैन राजेश तिवारी की उपस्थिति में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अतिक्रमण हटाने की योजना की घोषणा की गई। मेयर विधान उपाध्याय ने अन्य अधिकारियों के साथ साइट का दौरा किया और दुकानदारों से गुरुवार तक जगह खाली करने की अपील की, साथ ही उनके पुनर्वास का वादा किया। लेकिन अभियान को बिना किसी स्पष्टीकरण के स्थगित कर दिया गया, जिससे जनता में निराशा फैल गई और राजनीतिक हमले तेज हो गए।

मंत्री और मेयर के बीच वर्चस्व की लड़ाई : अग्निमित्रा

विपक्ष ने टीएमसी पर साधा निशानाआसनसोल दक्षिण की विधायक अग्निमित्रा पाल (बीजेपी) ने टीएमसी पर तीखा हमला बोला और अभियान रुकने के लिए राज्य के श्रम मंत्री मलय घटक और मेयर विधान उपाध्याय के बीच वर्चस्व की लड़ाई को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, “हटन रोड एक महत्वपूर्ण मार्ग है, जो अस्पताल तक पहुंचने के लिए जरूरी है, लेकिन अतिक्रमण ने इसे जाम कर रखा है। नगर निगम ने जब कार्रवाई का वादा किया, तो लोगों में उम्मीद जगी थी, लेकिन यह स्थगन साबित करता है कि यह सब टीएमसी की अंदरूनी गुटबाजी का नतीजा है। आसनसोल की जनता को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।” पाल ने सवाल उठाया कि क्या टीएमसी हटन रोड पर अपने अवैध पार्टी कार्यालय को भी तोड़ेगी, और आरोप लगाया कि इन अतिक्रमणों से मिलने वाला पैसा टीएमसी नेताओं और पार्टी तक पहुंचता है, यही कारण है कि वे चुप रहते हैं।

जनता को “बेवकूफ बनाने” का नाटक : कृष्णेंदु

बीजेपी नेता कृष्णेंदु मुखर्जी ने भी टीएमसी पर कटाक्ष करते हुए अभियान को जनता को “बेवकूफ बनाने” का नाटक करार दिया। उन्होंने दावा किया कि अवैध दुकानें और टोटो संचालक ज्यादातर टीएमसी से जुड़े लोगों के हैं, जिन्हें पार्टी “दुधारू गाय” मानती है। मुखर्जी ने टीएमसी के श्रमिक नेता राजू अहलूवालिया के अभियान के खिलाफ रुख का जिक्र किया, जिन्होंने अतिक्रमणकारियों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की मांग की थी। “अहलूवालिया, जिनका नाम त्योहारों के बैनरों में मंत्रियों के साथ दिखता है, ने खुलकर अभियान का विरोध किया। यह पहले से तय था कि टीएमसी अपने हितों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेगी,” मुखर्जी ने कहा। उन्होंने जोड़ा कि स्कूलों के पास जाम से बच्चों को होने वाली परेशानी की टीएमसी नेताओं को कोई परवाह नहीं, क्योंकि अवैध दुकानों और ऑटो से मिलने वाला पैसा नेताओं तक पहुंचता है।टीएमसी की प्रतिक्रिया और अंदरूनी तनावस्थगन ने टीएमसी के भीतर गुटबाजी की अफवाहों को हवा दी।

कांग्रेस नेता शाह आलम ने पहले टीएमसी के हटन रोड स्थित पार्टी कार्यालय को अवैध बताते हुए सवाल उठाया था कि इसे क्यों नहीं तोड़ा जा रहा। मार्च 2025 में एक सरकारी कार्यक्रम के निमंत्रण पत्र में मेयर उपाध्याय और चेयरमैन चटर्जी के नाम न होने पर भी गुटबाजी के आरोप लगे थे। कांग्रेस के प्रसेनजीत पुइटंडी और बीजेपी के मुखर्जी ने तब टीएमसी की “आदिवासी लड़ाई” की खिल्ली उड़ाई थी। मेयर उपाध्याय और चेयरमैन चटर्जी ने गुटबाजी के आरोपों से इनकार किया है, लेकिन विपक्ष का कहना है कि टीएमसी नेताओं के परस्पर विरोधी हितों के कारण हटन रोड पर कार्रवाई रुकी हुई है।जनता में निराशा, वादे अधूरेअभियान के रुकने से आसनसोल के निवासियों में निराशा है। एएमसी ने जलजमाव और ट्रैफिक की समस्या हल करने के लिए नालों के निर्माण और सड़क को जाम-मुक्त करने का वादा किया था, लेकिन स्थगन ने इसे “आंखों में धूल झोंकने” वाला कदम साबित कर दिया।

मुखर्जी ने तंज कसते हुए कहा, “टीएमसी नेताओं ने हाथ जोड़कर अतिक्रमणकारियों से जगह खाली करने की अपील की, लेकिन यह सब नाटक था। वे अपने वोट बैंक और आय के स्रोत को नाराज नहीं करेंगे।”कांग्रेस नेता शाह आलम ने कहा कि विकास गरीबों को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए, लेकिन टीएमसी को अपने अवैध पार्टी कार्यालय पर भी स्थिति स्पष्ट करनी होगी। उन्होंने पहले विस्थापित दुकानदारों के पुनर्वास के वादे के पूरा न होने की भी याद दिलाई।

राजू अहलूवालिया की भूमिका और पुनर्वास पर बहसटीएमसी के श्रमिक नेता राजू अहलूवालिया का अभियान के खिलाफ रुख विवाद का केंद्र बना। उन्होंने तर्क दिया कि अगर उद्योगपतियों के लिए कॉम्प्लेक्स बन सकते हैं, तो अतिक्रमणकारियों के लिए भी वैकल्पिक जगह दी जानी चाहिए। विपक्ष ने इसे टीएमसी के अपने लोगों को बचाने की कोशिश बताया। मुखर्जी ने आरोप लगाया कि अहलूवालिया के दबाव के कारण ही अभियान रुका।शहर अधर मेंहटन रोड की समस्याएं अनसुलझी हैं, और अतिक्रमण इसकी सुंदरता व कार्यक्षमता को प्रभावित कर रहे हैं। चार स्कूलों, एक प्रमुख अस्पताल और भारी ट्रैफिक के कारण तत्काल कार्रवाई जरूरी है, लेकिन राजनीतिक खींचतान ने प्रगति को रोक दिया है। निवासी सवाल उठा रहे हैं कि क्या एएमसी के सौंदर्यीकरण और जाम-मुक्ति के वादे कभी पूरे होंगे, या जैसा कि मुखर्जी का दावा है, “टीएमसी नेताओं को केवल अवैध दुकानों और ऑटो से मिलने वाले पैसे की चिंता है।”विपक्ष ने टीएमसी पर दबाव बनाए रखने का संकल्प लिया है, जिसमें पाल ने ममता बनर्जी के 15 साल के शासन में अवैध अतिक्रमणों के बढ़ने और इसके पीछे जिम्मेदार लोगों पर सवाल उठाए हैं। फिलहाल, हटन रोड अधूरी प्रतिज्ञाओं और राजनीतिक गतिरोध का प्रतीक बना हुआ है।

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