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विश्व पर्यावरण दिवस : शिल्पांचल में पौधा लगाने, जीवन बचाने का संकल्प

बंगाल मिरर, आसनसोल : :  शिल्पांचल के विभिन्न हिस्सों में शनिवार को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया। इस दौरान पौधा लगाने और जीवन बचाने का संकल्प लिया गया।  आसनसोल नगर निगम की ओर से विश्व पर्यावरण दिवस पालन किया गया। इस मौके पर नगर निगम प्रशासक बोर्ड के सदस्य अभिजीत घटक ने कहा कि पर्यावरण की रक्षा के लिए पौधारोपण बहुत जरूरी है। राज्य के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर पर्यावरण दिवस के मौके पर पौधा वितरण किया गया। वहीं उन्होंने कहा कि प्रत्येक मनुष्य को जहां जगह मिले एक पौधा जरूर लगाना चाहिए। उसकी तब तक देखभाल करनी चाहिए जब तक पौधा बड़ा न हो जाए। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ी के लिए पौधारोपण बहुत जरूरी है। ताकि आने वाला भविष्य में वातावरण शुद्ध हो सके। इस मौके पर नगर निगम प्रशासक बोर्ड के सदस्य पूर्णशशि राय, अंजना शर्मा, दिवेन्दु भगत, श्याम सोरेन, तृणमूल कांग्रेस जिला सचिव रबीउल इस्लाम, एसपी मुखर्जी, डी अधिकारी सहित अन्य उपस्थित थे।

मारवाड़ी युवा मंच आसनसोल सिटी शाखा द्वारा वृक्षारोपण

विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष पर मारवाड़ी युवा मंच आसनसोल सिटी शाखा द्वारा 2 दिवस्य वृक्षारोपण कार्यकर आयोजित करने का निर्णय लिया गया। आज 05.06.2021 को पहले दिन आसनसोल चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स के संयुक्त तत्वाधान में आसनसोल के उषाग्राम गर्ल्स स्कूल में वृक्षारोपण किया गया । पर्यावरण को बचाने और स्वच्छ बनाने में शाखा की और से एक छोटी सी पहल की गयी । यह कार्यक्रम शाखा द्वारा आने वाले महीनो में भी किया जायेगा । सदस्यो ने आम , कटहल , नीम , जामुन आदि के पौधे लगाए। चैम्बर के अध्यक्ष नरेश अग्रवाल , सचिव संभुनाथ झा , सतपाल सिंह कीर उपस्थित थे। युवा मंच की ओर से पश्चिम बंगाल सिक्किम प्रांतीय मारवाड़ी युवा मंच के उपाध्यक्ष सुदीप अग्रवाल , आसनसोल शाखा के अध्यक्ष अभिषेक केड़िया , सचिव संदीप दारूका , कोषाध्यक्ष अंकित अग्रवाल, पर्यावरण संयोजक हर्ष खंडेलवाल , विकाश जालान , विवेक सांतोरिया, सत्यजीत बागड़ी, विवेक अग्रवाल और अभिषेक अग्रवाल उपस्थित थे।

कालीपहाड़ी ए पैच में पौधारोपण

श्रीपुर एरिया कालीपहाड़ी ए पैच में पौधारोपण किया गया। मौके पर प्रबंधक दीपक कुमार पांडेय, सहायक प्रबंधक इकबाल हुसैन, पैच के विवेक चक्रवर्ती, यूनियन नेता बादल मिश्रा, डीएन शर्मा, सरोज सिंह, सिकंदर प्रसाद ने पौधारोपण किया।

Lions क्लब आफ आसनसोल यूथ द्वारा केएसटीपी में पौधारोपण

लायंस क्लब आफ आसनसोल यूथ द्वारा केएसटीपी में पौधारोपण किया गया। अध्यक्ष मोहम्मद इश्तियाक अख्तर के नेतृत्व में सचिव बिजय शर्मा, कोषाध्यक्ष बरुन गोस्वामी, क्लब सदस्यता अध्यक्ष आशीष कुमार, क्लब निदेशक गोविंद, बी हबीब और नीतू शर्मा  सभी ने पृथ्वी को बचाने के लिए पौधा लगाया और रक्षा का संकल्प लिया। 

कुल्टी बोरो कार्यालय में पौधा वितरण

साबिर अली , कुल्टी– नियामतपुर स्थित कुल्टी बोरो कार्यालय में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर नगर निगम की ओर से कर्मचारियों स्थानीय लोगो सहित पत्रकारो को फलदार बृक्ष, मास्क देकर सम्मानित किया गया।उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए नगर निगम की पूर्व उपमेयर सह प्रशासनिक बोर्ड सदस्य तब्बसुम आरा ने कहा कि माननीय मुख्य मंत्री ममता बनर्जी के आदेश पर हम सभी एकजुट होकर कार्य करते है। उन्होंने कहा कि बीसीसीएल तथा आउट सोर्सिंग कंपनी के द्वारा जमीन का दोहन हो रहा है बृक्ष काटे जा रहे है अतः बीसीसीएल फण्ड से सीएसआर के तहत मदद लिया जाएगा। ताकि ग्रीन आसनसोल क्लीन आसनसोल बनाने का सपना जल्द साकार हो।उन्होंने लोगो से आग्रह भी किया सभी लोग अपने आस–पास एक एक बृक्ष लगाए या बृक्ष की देखभाल करें इससे अधिक से अधिक बृक्ष लगाया जा सकेगा। जिसका असर हमारे वातावरण पर पड़ेगा। हमारे आस पास काफी पेड़ पौधे होने पर ऑक्सीजन लेवल भी ऊंचा रहेगा ओर लोगो को सहायता मिलेगी। इस अवसर पर सुब्रतो दत्ता, बादल पोइतन्डी, संजय नोनिया, सोपन दत्तो, जाकिर हुसैन, अमजद अंसारी, इम्तियाज खान, सहायक अभियंता सीआर बैरागी के अलावे सभी कर्मचारी उपस्थित थे।

भाजपा कार्यालय में कुल्टी विधायक डॉक्टर अजय पोद्दार के नेतृत्व में पौधारोपण


 साबिर अली,कुल्टी विश्व प्रयावरण दिवस के अवसर पर शनिवार को कुल्टी विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक डॉक्टर अजय पोद्दार ने हनुमान चढ़ाई स्थित भाजपा कार्यालय में पोधा रोपण किया गया । जबकि बीसीसीएल के दहीबाड़ी, बंसतीमाता, दामागोड़िया कोलियरी , एनएल ओसीपी में भी पोधा रोपण प्रबंधन अधिकारियों द्वारा किया गया ।
इस अवसर डॉक्टर पोद्दार ने कहां धरती मां को प्रदूषण से बचाना है तो पौधा लगाना ही होगा । आज लोगों को सांस लेने में दिक्कतों सामना करना पड़ रहा है । पौधे का जीवन काल में क्या महत्व है । लोगों को समझ में आ रहा है । कोरोनाकाल में हवां नहीं रहने पर सैकड़ों लोगों की मृत्यु हो चुकीं है । इस लिए सपथ ले कि प्रत्येक व्यक्ति कम से अम एक पौधा लगाये । जिससे धरती मां प्रदूषित होने से बचे ।

डोमोहानी समूह के स्काउट गाइड सदस्यों ने एक बंजर जमीन को साफ करने की पहल की और आकाशमणि के पेड़ लगाए


पूर्वी रेलवे आसनसोल जिला डोमोहानी ग्रुप द्वारा आज 5 जून विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जा रहा है। हमारे इकोलॉजिकल पार्क में सुबह से 250 पौधे रोपे गए। आसनसोल मंडल के डीआरएम सर, एडीआरएम सर सहित सभी शाखा अधिकारी मौजूद रहे और पौधे रोपे।
शाम को फिर से डोमोहानी समूह के स्काउट गाइड सदस्यों ने एक बंजर जमीन को साफ करने की पहल की और आकाशमणि के पेड़ लगाए। समूह के साथ केन्द्रीय विद्यालय आसनसोल के प्राचार्य संतोष सोनी उनका सहयोग करने और पेड़ लगाने के लिए मौजूद थे.
इस कोविड स्थिति में जब हमारे पास ऑक्सीजन की कमी है तो डोमोहानी ग्रुप के स्काउट गाइड सदस्यों द्वारा एक अद्भुत पहल की गई।

सुपर स्मेल्टर कारखाना के नेतृत्व में हजारों पौधारोपण

जमुरिया – विश्व पर्यावरण दिवस पर जमुरिया के सुपर स्मेल्टर कारखाना के नेतृत्व में हजारों पौधारोपण किया गया । फैक्ट्री के अधिकारी दिलीप अग्रवाल, मनोज सिन्हा ,अमित शर्मा एवं जितेंद्र मुखर्जी ने बताया कि विश्व पर्यावरण दिवस पर हम लोगों ने संकल्प लिया है कि अब से अपने दोस्तों एवं परिचय के लोगों को उपहार स्वरूप एक-एक पौधा देंगे एवं लोगों से अनुरोध करेंगे कि इस पौधे की देखभाल का दायित्व ले ताकि आने वाले दिनों में यह पौधा वृक्ष बनकर लोगों को आक्सीजन प्रदान करें। अधिकारी दिलीप अग्रवाल ने कहा कि हम लोगों का निरंतर प्रयास रहता है कि वर्षा काल के मौसम में प्रत्येक वर्ष व्यापक मात्रा में पौधारोपण करते हैं एवं उसके साथ साथ पौधे की देखभाल का दायित्व भी लेते आ रहे हैं कई पौधे पेड़ का स्वरूप बन चुके हैं उस पेड़ को देखकर हम लोगों को काफी खुशी होती है एवं वर्तमान समय में ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए हम लोगों आने वाले दिनों में आप निरंतर पौधारोपण कार्यक्रम को विशेष ध्यान देंगे एवं अपने फैक्ट्री के मजदूरों को भी पौधारोपण के लिए जागरूक करेंगे।

रानीगंज भाजपा की तरफ से विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य पर वार्ड न. 33 एवं 36 के वृक्षारोपण का कार्यक्रम किया गया। वार्ड 33 के रक्षा काली मंदिर माठ एवं 36 के बढ़दही रोड में वृक्षारोपण किया गया जिसमे कुल 25 वृक्ष लगाये गये। कार्यक्रम युवा मोर्चा सह सांसद प्रतिनिधि दिनेश सोनी के नेतृत्व में किया गया जिसमे
पूर्व अध्यक्ष शमशेर सिंह,सुनील साव, शताब्दी चटर्जी, रवि केशरी, छोटू बाध्यकर, शंकर साव, सहित भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित रहें।

इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस 2021 दुनिया भर में ‘पारिस्थितिकी तंत्र/ प्रकृति संरक्षण” की थीम के साथ मनाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य हर महाद्वीप और हर महासागर में प्रकृति/पारिस्थितिकी तंत्र के पतन को रोकना है। इस थीम में योगदान देते हुए भारत का फिल्म प्रभाग, 5 और 6 जून, 2021 को “प्रकृति के संग : पर्यावरण पर फिल्मोत्सव” की ई-स्क्रीनिंग करने जा रहा है। “प्रकृति के संग” की 2 दिवसीय विशेष स्क्रीनिंग में ऐसी छह फिल्में शामिल होंगी, जो पर्यावरण का पुनर्जीवित करने और प्रकृति के सह-अस्तित्व को फिर से परिभाषित करने का मजबूत संदेश देती हैं। इन फिल्मों में मानव और प्रकृति के अविभाज्य संबंध का पुनरुत्थान करने के लिए विभिन्न तरीकों का सुझाव दिया गया है। यह ई-स्क्रीनिंग फिल्म प्रभाग की वेबसाइट और यूट्यूब चैनल पर की जाएगी।

हर वर्ष 5 जून को मनाया जाता है विश्व पर्यावरण दिवस

हर वर्ष पर्यावरण के मुद्दों के बारे में आम लोगों में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। यह विभिन्न समाज और समुदायों के आम लोगों को पर्यावरण सुरक्षा उपायों को विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करता है। इसका लक्ष्य लोगों को सुरक्षित, स्वच्छ और अधिक समृद्ध भविष्य का आनंद लेने के लिए अपने आस-पास के परिवेश को सुरक्षित और स्वच्छ बनाने के लिए प्रेरित करना है। इस दिन सरकारों एवं उद्योगों को टिकाऊ और मददगार विकल्प ढूंढने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

‘पारिस्थितिकी तंत्र/ प्रकृति संरक्षण’ है इस साल की थीम

विश्व पर्यावरण दिवस के प्रत्येक वर्ष की एक विशिष्ट थीम होती है। पिछले वर्षों के विषयों में जैव विविधता, वायु प्रदूषण, प्लास्टिक प्रदूषण जैसे विषयों पर चर्चा शामिल है। विश्व पर्यावरण दिवस 2021 की थीम ”पारिस्थितिकी तंत्र/ प्रकृति संरक्षण” है। यह थीम मौजूदा प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र को बचाने और नए पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करेगी। विश्व पर्यावरण दिवस 2021 पर, संयुक्त राष्ट्र पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण पर अपना संयुक्त राष्ट्र दशक भी शुरू करेगा।

वर्ष 1972 में संयुक्त राष्ट्र ने आयोजित किया था ‘स्टॉकहोम सम्मेलन’

वर्ष 1972 में संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में बुलाई गई पर्यावरण संबंधी समस्याओं पर पहला बड़ा सम्मेलन, स्टॉकहोम (स्वीडन) में 5 जून से 16 जून तक के लिए आयोजित किया गया था। इसे स्टॉकहोम सम्मेलन के रूप में भी जाना जाता है। बाद में उसी वर्ष, 15 दिसंबर को, महासभा ने एक रेसोल्यूशन के तहत 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में अपनाया। इसके बाद, 1974 से विश्व पर्यावरण दिवस को एक वार्षिक कार्यक्रम के रूप में मनाया जाने लगा ताकि मानव जीवन में स्वस्थ और हरित पर्यावरण के महत्व को बढ़ाया दिया जा सके और सरकार एवं संगठनों द्वारा कुछ सकारात्मक पर्यावरणीय क्रियाओं को लागू करके पर्यावरण के मुद्दों को हल किया जा सके।

हर साल अलग-अलग देश करते हैं मेजबानी

1987 में इसके मेजबान को बदलते रहने का सुझाव प्रस्तावित किया गया और उसके बाद से ही इसके आयोजन के लिए अलग अलग देशों को चुना जाता है। हर वर्ष 143 देश इसका हिस्सा बनते हैं और इसके अलावा इसमें कई सरकारी, सामाजिक और व्यवसायिक लोग शामिल होकर पर्यावरण संबंधी समस्याओं के बारे में विचार विमर्श करते हैं। इस साल के विश्व पर्यावरण दिवस का वैश्विक मेजबान पाकिस्तान है। इससे पहले, 2020 में इसकी मेजबानी कोलंबिया ने की थी।

कोविड महामारी के कारण चिकित्सीय अपशिष्ट के बोझ में हुई वृद्धि

कोविड महामारी के वैश्विक प्रकोप ने मानव जीवन और दैनिक गतिविधियों को जरूर प्रभावित किया है, लेकिन इसने वायु की गुणवत्ता में सुधार किया है। अधिकांश शहरों में लॉकडाउन रहने के कारण कार्बन उत्सर्जन में कमी आई है। हालांकि महामारी के दौरान कीटाणुनाशक, मास्क, दस्ताने जैसे चिकित्सीय अपशिष्ट का बोझ कई गुना बढ़ गया है। इसके निदान के लिए भारतीय वैज्ञानिक पूरी कोशिश कर रहे हैं।

वैश्विक पर्यावरणीय स्थिरता के लिए दीर्घकालिक लक्ष्य और नीतियों के उचित क्रियान्वयन की आवश्यकता

आज के युग में पर्यावरण प्रदूषण बहुत तेजी से बढ़ रहा है। यही नहीं, बढ़े हुए वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण के कारण हमें अनेक बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन जैसी पर्यावरणीय समस्याएं मनुष्य को अपनी जीवनशैली के बारे में पुनर्विचार करने के लिए प्रेरित कर रही हैं और अब पर्यावरण संरक्षण और पर्यावरण प्रबंधन बहुत आवश्यक हो गया है। वैश्विक पर्यावरणीय स्थिरता के लिए दीर्घकालिक लक्ष्य और रणनीतियों और नीतियों के उचित क्रियान्वयन की आवश्यकता है।

भारत के पास है पर्यावरण संरक्षण के लिए कानून

  भारत उन कुछ देशों में से एक है जिनके संविधानों में पर्यावरण का विशेष उल्लेख है। पर्यावरण संरक्षण में न्यायपालिका ने भी एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके प्रयासों से स्वच्छ पर्यावरण मौलिक अधिकार का एक महत्त्वपूर्ण अंग बन गया है। भारत ने पर्यावरणीय कानूनों का व्यापक निर्माण किया है तथा हमारी नीतियां पर्यावरण संरक्षण में भारत की पहल को दर्शाती हैं। लेकिन दुर्भाग्यवश, पर्यावरण संबंधी कानूनों के होने पर भी भारत में पर्यावरण की स्थिति काफी गंभीर बनी हुई है।

पर्यावरण का संरक्षण पूरे मानव जाति की जिम्मेदारी

जनहित याचिकाओं ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में गैर-सरकारी संगठनों, नागरिक समाज तथा आम आदमी की भागीदारों केा प्रोत्साहित किया है। आज सरकार तथा नीति निर्माताओं की सूची में पर्यावरण प्रथम मुद्दा है तथा वे पर्यावरण संरक्षण के प्रति गंभीर हो गए है। पर्यावरण का संरक्षण पूरे मानव जाति की जिम्मेदारी है। हमें ज्यादा से ज्यादा पर्यावरण अनुकूल विकल्प अपनाने चाहिए और अपने आस-पास के वातावरण को साफ और हरा भरा रखना चाहिए । अगर विश्व का प्रत्येक व्यक्ति व्यक्तिगत तौर पर अपनी जिम्मेदारी निभाए तो पर्यावरण संबंधी समस्याओं को बहुत हद तक कम किया जा सकता है

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