Raniganj को बचाने के लिए रानीगंज बचाओ मंच से जुड़ें : आरिज
बंगाल मिरर, रानीगंज : रानीगंज के सभी नागरिकों से अपील: हमारे ऐतिहासिक शहर को बचाने के लिए रानीगंज बचाओ मंच से जुड़ें यह हवन कर रहे हैं पूर्व पार्षद आरिज जलीस। उनका कहना है कि रानीगंज के प्रिय नागरिकों, हमारा प्रिय रानीगंज, पश्चिम बंगाल का एक प्राचीन और ऐतिहासिक शहर है, जो एक गंभीर खतरे का सामना कर रहा है। एक साल से अधिक समय से, आसनसोल दुर्गापुर विकास प्राधिकरण (ADDA) और आसनसोल नगर निगम (AMC) ने बोरो-2 और उसके आगे के घरों के लिए बिल्डिंग प्लान को मंजूरी देने या अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) जारी करने से इनकार कर दिया है।, उनका दावा है कि ये क्षेत्र “धंसाव-प्रवण” क्षेत्रों के 300 मीटर के भीतर हैं। फिर भी, पिछले 100 वर्षों में रानीगंज शहर में कोई धंसाव नहीं हुआ है, और विशेषज्ञ पुष्टि करते हैं कि हमारी कठोर मिट्टी हमें सुरक्षित रखती है। कोई लिखित स्पष्टीकरण या सबूत इस कठोर निर्णय को सही नहीं ठहराता है!




यह प्रतिबंध हमारे विकास को रोकता है, हमारी विरासत को खतरे में डालता है, और हमें अपने घरों से बाहर निकालने का जोखिम उठाता है। हमें डर है कि कोल इंडिया, ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ईसीएल) और केंद्र सरकार रानीगंज को ओपन-कास्ट कोल माइनिंग (ओसीपी) के लिए खाली कराने की साजिश कर रही है, जिससे हमारे घर, व्यवसाय और जीवन शैली नष्ट हो रही है—ठीक उसी तरह जैसे ओसीपी ने आस-पास के गांवों को अस्त-व्यस्त कर दिया है।
रोनाई से रामबागान तक खनन के पिछले प्रयासों को हमारे विरोधों ने रोक दिया था, लेकिन यह नापाक साजिश जारी है। राज्य सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए, फिर भी चुप्पी बनी हुई है। हम, रानीगंज नागरिक मंच के तहत गठित रानीगंज बचाओ मंच, कहते हैं: बहुत हो गया! हम भारत की प्रगति के लिए कोयला निष्कर्षण का समर्थन करते हैं लेकिन हमारे शहर, गांवों, कारखानों और खेतों को बर्बाद होने से बचाने के लिए वैज्ञानिक तरीकों की मांग करते हैं। हमारे प्रतिनिधिमंडल ने अपना आक्रोश व्यक्त करने के लिए सांसद, विधायक, ADDA अध्यक्ष और जिला मजिस्ट्रेट से मुलाकात की है।
रानीगंज के आसपास के बहुत से क्षेत्र है अवैज्ञानिक तरीके से विगत 100 वर्षों में खनन हुआ है बहुत से क्षेत्र है जो तार बांग्ला से लेकर महावीर कोलियारी शिशु बागान डोमपडा सियारसोल राजबाड़ी कुमार बाजार राजपाडा ग्रामीण क्षेत्र में इगारा गांव काकोरडागा दामोदर कोलियारी पूरणमल कोलियारी बाबूपुर इत्यादि बहुत से क्षेत्र है जहां भूमि धंसने खतरा है आने वाली पीढ़ी को खतरा का सामना कर पढ़ना पड़ सकता है बहुत से जमीन दलाल इन क्षेत्र में जमीन की खरीद बिक्री कर रहे आम जनता के जागरूक नहीं रहने से वहां जमीन खरीद कर घर बना रहे बहुत सीमा वेस्टेड जमीन है भूमि जमीन दफ्तर कार्यालय के अधिकारियों की मिली भगत से वहां जमीन खरीद बिक्री हो रही है रानीगंज क्षेत्र में अब कहीं भी ऐसे क्षेत्र नहीं बचे जहां घर बनाना सुरक्षित है हम लोगों को अपनी भाभी पीढ़ी का भविष्य के लिए इन क्षेत्र में घर नहीं बनाना बेहतर रहेगा अगर पश्चिम बंगाल सरकार दामोदर नदी के इस पर और दिल्ली हावड़ा रेलवे लाइन तक बहुत से इलाकों में सुरक्षित नहीं मध्य प्रदेश के सिंगरौली शहर को खाली करने के लिए केंद्र सरकार में मध्य प्रदेश सरकार को₹35000 करोड रुपए जारी कर दिए एक समय ऐसा आएगा रानीगंज तो खाली करना पड़ेगा