आपस में भाईचारा बढाये, जिम्मेदारी को समझें: जितेन्द्र तिवारी
हम अपने हक की बात करते हैं लेकिन जिम्मेदारी के समय पीछे हट जाते हैं। इस पूरे इलाके में अगर लोगों ने सोच-समझकर मकान बनाये होते तो यह हालत नहीं होती। एक फुट रास्ता भी नहीं छोड़ा, यहां तक कि एंबुलेंस के लिए भी जगह नहीं छोड़ा। समय-समय पर अपनी गलती को महसूस करना भी बड़ी बात होती है। गलतियों पर हम चर्चा करेंगे तो भविष्य में गलतियां नहीं होंगी। उन्होंने सड़क, लाइट, अस्पताल, स्कूल आपलोग बिल्कुल मांगे, इसके बाहर इलाके के माहौल को ठीक करने की जिम्मेदारी आपको खुद लेनी होगी। आपस में भाईचारा का कार्य कोई बाहर से आकर नहीं करेगा। ईद के दिन गले मिलते हैं और अगले दिन ही दो मिनट में उसका सिर फोड़ने में नहीं सोचते हैं। दो महीना में एेसा कर के दिखाइये कि एक-दूसरे के खिलाफ कोई शिकायत न करे। िसके लिए आपको बर्दाश्त करने की ताकत बढ़ानी होगी।
बर्दाश्त नहीं करेंगे तो आपस में लड़ाई होती रहेगी। यह प्रशासन ठीक नहीं करेगा, इसे आपको खुद ठीक करना होगा। प्रशासन अपना काम करेगा, लेकिन जो अपनी जिम्मेदारी है, उसे भी निभानी होगी। उन्होंने रौनक नईम के शायरी जिक्र करते हुए कहा कि बहुत से पुल बने, फासले भी मिटे, लेकिन आदमी-आदमी से जुदा ही रहा। अगर लोगों के दिल नहीं मिलते हैं तो कितना भी विकास कर लें उससे कुछ लाभ नहीं होगा। इस दौरान निगमायुक्त खुर्शीद अली कादर, अधीक्षण अभियंता सुकोमल मंडल, बोरो चेयरमैन गुलाम सरवर, पार्षद नसीम अंसारी आदि मौजूद थे।