DURGAPUR

DSP के झुलसे ठेका श्रमिक की मौत, आक्रोश

सीटू ने आश्रित के लिए मांगा अधिकतम मुआवजा

बंगाल मिरर, दुर्गापुर : सेल के दुर्गापुर स्टील प्लांट में करीब 14 दिन पहले स्विच फटने से झुलसे ठेका श्रमिक विभूति विश्वास की इलाज के दौरान मौत हो गई। इस घटना के बाद सीटू ने प्रबंधन से उसके आश्रितों को मुआवजा देने की मांग की है। इसके साथ ही सुरक्षा को लेकर प्रबंधन को गंंभीरता से ध्यान की भी मांग की।सीटू से संबद्ध हिंदुस्तान स्टील कर्मचारी संघ दुर्गापुर के संयुक्त सचिव सौरभ दत्ता ने कहा कि दुर्गापुर स्टील फैक्ट्री के लिए आज एक और शोक का दिन है। एक दिसंबर को हादसे में घाय हुए ठेका श्रमिक विभूति विश्वास का निधन हो गया। दुर्गापुर स्टील फैक्ट्री का ब्लूमिंग एंड बिलेट मिल अब बंद हो गया है। उस पुराने ब्लूमिंगए मिल फ्लोर में काम चल रहा था। ठेकेदार का आदमी परियोजना विभाग के अधीन काम कर रहा था। इनमें मंडल कंस्ट्रक्शन ठेकेदार का 20 वर्षीय मजदूर विभूति विश्वास काम पर गया था।ऐसे अस्थायी कार्यों के लिए एक अस्थायी विद्युत कनेक्शन, जिसे “निर्माण कनेक्शन” कहा जाता है, प्रदान किया जाता है।


इस मामले में भी दिया गया। लेकिन, जहां विभूति काम कर रहा था वहां तक ​​अधिकृत कनेक्शन नहीं आने के कारण काम मुश्किल होता जा रहा था।
फिर, शायद वह अपनी कंपनी के किसी व्यक्ति की सलाह या निर्देश पर, अपने काम के पास एक जगह से अनाधिकृत तरीके से – पुरानी लाइन से बिजली लेने गया। उसे नहीं पता था कि वहां की लाइन अच्छी स्थिति में नहीं है। क्योंकि मिल अब बंद है। तोई रखरखाव का प्रश्न ही नहीं है।तभी करंट लेते समय सीएफएस (कंट्रोल फ्यूज स्विच) फट गया – और उसका 60% शरीर जल गया और उसके कपड़ों में आग लग गई।
मूल रूप से हाथ का जख्म ज्यादा था।  प्रारंभ में, जांच समिति का संचालन डीएसपी – विद्युत और सुरक्षा विभाग के उच्च पदस्थ अधिकारियों द्वारा किया गया था। हमारी यूनियन के बार-बार अनुरोध करने के बावजूद कंपनी ने इस कमेटी में कर्मचारियों के प्रतिनिधियों को जगह नहीं दी।

कैजुअल ठेका कर्मियों की अवैज्ञानिक भर्ती, उनकी सुरक्षा के बारे में उचित जानकारी की कमी, ठेका श्रमिकों के प्रत्येक कार्य स्थल पर स्वयं के पर्यवेक्षकों की कमी, डीएसपी विभागों के साथ ठेकेदारों के काम के समन्वय की कमी- आदि इस दुर्घटना से फिर से उजागर हुए। पता चला है कि विभूति का कल (14 दिसंबर) दोपहर मिशन अस्पताल में निधन हो गया। हम उन्हें शहीद का दर्जा देना चाहते हैं।
सीटू इस्पात अधिकारियों से उसके परिवार को अधिकतम संभव मुआवजा देने की मांग कर रहा है।
सीटू अधिकारियों से श्रमिकों के प्रतिनिधियों के साथ सुरक्षा में अधिक सक्रिय भूमिका निभाने की मांग कर रहा है।

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