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विधानसभा से पहले कोलकाता नगरनिगम चुनाव !

कोरोना नियंत्रण में होने पर नगर निगम का चुनाव


बंगाल मिरर, राज्य ब्यूरो, कोलकाता ः पश्चिम बंगाल सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। विधानसभा से पहले होगा कोलकाता नगरनिगम चुनाव ! मार्च महीने के अंत तक कोलकाता नगर निगम में चुनाव संपन्न हो सकते हैं।मंगलवार को बंगाल सरकार ने चुनाव आयोग को बता दिया है कि सरकार चुनाव कराने के लिए तैयार, कोरोना के मामले कम होने पर कोलकाता नगर निगम चुनाव कराए जा सकते हैं। राज्य सरकार की सहमति मिलने के बाद यह जानकारी राज्य चुनाव आयोग ने केंद्रीय चुनाव आयोग को दी है जहां से सुप्रीम कोर्ट को यह जानकारी दी जाएगी। कयास लगाए जा रहे थे कि कोलकाता नगर निगम का चुनाव अप्रैल-मई में आसन्न विधानसभा चुनाव के बाद ही होगा।

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मार्च महीने के अंत तक कोलकाता नगर निगम में चुनाव !

ऐसा इसलिए कहा जा रहा था क्योंकि 2018 के बाद से पश्चिम बंगाल में जितने भी चुनाव हुए हैं, हरेक में भाजपा को बढ़त मिली है। विधानसभा चुनाव से पहले अगर नगर निगम के चुनाव में भी भाजपा को बढ़त मिली तो इसका सीधा असर विधानसभा चुनाव पर होगा। इसलिए अंदाजा लगाया जा रहा था कि कोलकाता नगर निगम का चुनाव विधानसभा चुनाव के बाद हो सकता है।

सूत्रों के अनुसार 15 जनवरी को मतदाता सूची प्रकाशित होगी। इसके बाद नई सूची में भी संशोधन और अन्य सुधार में करीब महीने भर का समय लग सकता है। राज्य चुनाव आयोग सूत्रों ने बताया है कि मार्च महीने के अंत तक कोलकाता नगर निगम में चुनाव हो सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर लिया गया निर्णय़

इधर राज्य सरकार के फैसले की जानकारी सुप्रीम कोर्ट को दी जाएगी। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में जारी एक निर्देश में साफ कहा है कि जब बिहार में विधानसभा का चुनाव हो सकता है तो देशभर में मियाद खत्म हो चुकी नगर पालिकाओं में भी जल्द से जल्द चुनाव संपन्न होने चाहिए। उसीके मुताबिक पश्चिम बंगाल सरकार ने यह निर्णय लिया है।

हालांकि कोलकाता नगर निगम के अलावा राज्य की अन्य नगर पालिकाओं में चुनाव होंगे या नहीं इस बारे में स्थिति फिलहाल स्पष्ट नहीं है। मई 2020 में ही कोलकाता नगर निगम में गठित बोर्ड की मियाद खत्म हो गयी थी और इसी साल के अप्रैल तक चुनाव होना था। लेकिन कोरोना की वजह से इसे अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया। अब लगभग एक साल देरी से यह चुनाव होने जा रहा है। वहीं सुप्रीम कोर्ट में इसे लेकर 17 को सुनवाई होनी है। सुप्रीम कोर्ट ने 10 दिनों में सरकार को चुनाव की तिथि बताने का आदेश बीते 7 दिसंबर को ही दिया था। इसके साथ ही स्वतंत्र प्रशासक नियुक्त करने का भी निर्देश दिया था।

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