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PM ने कहा : विश्वभारती के लिए गुरुदेव टैगोर का विजन आत्मनिर्भर भारत का भी सार है

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आमंत्रण को लेकर बीजेपी-टीएमसी में तकरार

बंगाल मिरर, राज्य ब्यूरो, कोलकाता : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल बोलपुर स्थित विश्वभारती शांतिनिकेतन यूनिवर्सिटी के शताब्दी समारोह को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया। उन्होंने कहा कि विश्वभारती के लिए गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर का विजन आत्मनिर्भर भारत का भी सार है। मोदी के 34 मिनट के भाषण की अहम बातें पर्यावरण संरक्षण में भारत की अहम भूमिका ।मोदी ने कहा- इस संस्था को इस ऊंचाई पर पहुंचाने वाले हर व्यक्ति को मैं आदर पूर्वक नमन करता हूं, उनका अभिनंदन करता हूं। भारत आज इंटरनेशनल सोलर अलायंस के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण में अहम भूमिका निभा रहा है। भारत इकलौता देश है जो पेरिस एकॉर्ड के तहत सही मार्ग पर आगे बढ़ रहा है।


भक्ति युग में संत-महंतों ने देश में चेतना जगाई

स्वतंत्रता आंदोलनों की नींव बहुत पहले रखी गई थी। आजादी के आंदोलन को पहले से चले आ रहे कई आंदोलनों से ऊर्जा मिली। भक्ति युग में भारत के हर क्षेत्र में संतों, महंतों ने देश की चेतना के लिए अविराम प्रयास किया।


गुरुदेव का विजन था- जो भारत में सर्वश्रेष्ठ, उससे दुनिया को फायदा हो

वेद से विवेकानंद तक भारत के चिंतन की धारा गुरुदेव के राष्ट्रवाद के चिंतन में भी मुखर थी और ये धारा अंतर्मुखी नहीं थी। वो भारत को विश्व के अन्य देशों से अलग रखने वाली नहीं थी। उनका विजन था कि जो भारत में सर्वश्रेष्ठ है, उससे विश्व को लाभ हो और जो दुनिया में अच्छा है, भारत उससे भी सीखे।
आत्मनिर्भर अभियान भी विश्व कल्याण के लिए भारत के कल्याण का मार्ग
आपके विश्वविद्यालय का नाम ही देखिए- विश्व-भारती। मां भारती और विश्व के साथ समन्वय। विश्व भारती के लिए गुरुदेव का विजन आत्मनिर्भर भारत का भी सार है। आत्मनिर्भर भारत अभियान भी विश्व कल्याण के लिए भारत के कल्याण का मार्ग है। ये अभियान, भारत को सशक्त करने का अभियान है, भारत की समृद्धि से विश्व में समृद्धि लाने का अभियान है।


बाएं कंधे पर पल्लू रखने की परंपरा का जिक्र किया

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गुजरात की बेटी भी गुरुदेव के घर बहू बनकर आई थी। सत्येंद्रनाथ टैगोर (रवीन्द्रनाथ टैगोर के बड़े भाई) की पत्नी ज्ञानदानंदिनी जब अहमदाबाद में रहती थीं, तब उन्होंने देखा कि वहां महिलाएं साड़ी का पल्लू दाईं ओर रखती थीं। इससे काम करने में परेशानी होती थी। उन्होंने सलाह दी कि बाएं कंधे पर पल्लू रखें तो काम करने में आसानी होगी। यह परंपरा तब से ही वहां चल रही है।


1921 में हुई थी स्थापना

1921 में गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा स्थापित विश्वभारती देश की सबसे पुरानी सेंट्रल यूनिवर्सिटी है। मई 1951 में इसे एक केंद्रीय विश्वविद्यालय और इंस्टीट्यूशन ऑफ नेशनल इंपोर्टेंस घोषित किया गया था।


PM 2 महीने में 5 यूनिवर्सिटीज में प्रोग्राम में शामिल हो चुके

19 अक्टूबर को मोदी ने मैसूर यूनिवर्सिटी के शताब्दी दीक्षांत समारोह में हिस्सा लिया। 1916 में बनी इस यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम में मोदी ने युवाओं को शिक्षा और दीक्षा का सही मतलब समझाया था।

12 नवंबर को जेएनयू के एक कार्यक्रम में भाग लिया। स्वामी विवेकानंद की मूर्ति अनावरण समारोह में भाग लेते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने नेशन फर्स्ट का नारा देते हुए युवाओं को संदेश दिया कि विचारधारा बाद में है, देश पहले है।

21 नवंबर को गांधीनगर की दीनदयाल पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी के आठवें दीक्षांत समारोह में 2600 छात्रों को डिग्री और डिप्लोमा देते हुए उनसे देश के विकास में योगदान देने की अपील की।

25 नवंबर को लखनऊ यूनिवर्सिटी के 100 साल पूरे होने के कार्यक्रम में भाग लेते हुए युवाओं को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के उद्देश्यों के बारे में जानकारी दी।

22 दिसंबर को मोदी ने सीएए के खिलाफ आंदोलन को लेकर चर्चा में रही उत्तर प्रदेश की अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के शताब्दी समारोह में हिस्सा लिया था। उन्होंने एजुकेशन सेक्टर में किए गए कामों को गिनाया। साथ ही कहा कि आप किस मजहब में पले हैं, इससे बड़ी बात यह है कि हमारी आकांक्षाएं देश से कैसे जुड़ें।

टैगोर विश्वगुरु, किसी प्रदेश तक सीमित नहीं हैं : तृणमूल


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गुजरात के साथ गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर का संबंध बताए जाने के बाद राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस बिफरी हुई है। पार्टी ने प्रधानमंत्री के संबोधन पर आपत्ति जताते हुए कहा कि गुरुदेव टैगोर को किसी एक प्रदेश से जोड़ना ठीक नहीं वह पूरे देश के हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विश्व भारती विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में संबोधन के बाद तृणमूल नेता ब्रात्य बसु ने कहा कि टैगोर विश्वगुरु हैं, उन्हें एक विशेष प्रदेश से नहीं बांधा जा सकता है। इस तरह से बंगाल को छोटा दिखाने की कोशिश की जा रही है।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री ने गुरुवार को अपने संबोधन में कहा कि रवींद्रनाथ टैगोर के बड़े भाई सत्येंद्र नाथ टैगोर (देश के पहले आईसीएस अफसर) की पत्नी ज्ञानंदनी देवी जब अहमदाबाद में रहती थीं तो उन्होंने देखा कि स्थानीय महिलाएं अपने साड़ी के पल्लू को दाहिने कंधे रखती थीं, इससे काम करने में दिक्कतें होती थीं। इस पर ज्ञानंदनी देवी ने ही आइडिया निकाला कि क्यों ना साड़ी के पल्लू को बाएं कंधे पर ही रखा जाए, कहते हैं बाएं कंधे पर पल्लू उन्हीं की देन है। इसी तरह एक दूसरे की मदद करके हम एक साथ परिवार की तरह रहकर देश की महान विभूतियों के सपनों को साकार कर सकते हैं।


इस पर बसु ने तृणमूल कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, “पीएम नरेंद्र मोदी ने ज्ञानंदनी देवी का संपर्क गुजराती महिलाओं के साथ बताया, लेकिन उन्होंने पारसी महिलाओं के साथ उनका जिक्र नहीं किया, क्योंकि वह पारसी का नाम नहीं ले सकते. कवि गुरु रवींद्रनाथ टैगोर विश्व गुरु हैं। केवल गुजरात के साथ क्यों उन्हें जोड़ा जा रहा है? क्या यह बंगाल और गुरुदेव को छोटा करने की कोशिश नहीं है? ” बता दें कि सीएम ममता बनर्जी भाजपा नेताओं के बंगाल आने पर बार-बार कह रही हैं कि वह बंगाल को गुजरात बनने नहीं देंगी।

tweet by bjp leader
ममता बनर्जी को नहीं किया गया आमंत्रित


बसु ने कहा, “समारोह में सीएम ममता बनर्जी को आमंत्रित नहीं किया गया।” विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा आमंत्रण दिए जाने का पत्र जारी करने पर पूछे जाने पर बसु ने कहा, “क्या उस पत्र में बंगाल सरकार की रिसीविंग है? कुलपति खुद ही पत्र लिखकर और खुद ही जारी कर रहे हैं।” बसु ने कहा, “पीएम ने कई विश्वविद्यालयों के नाम लिए, लेकिन 1857 में कलकत्ता विश्वविद्यालय की स्थापना हुई थी। बंगाल में जादवपुर विश्वविद्यालय भी है, लेकिन उनका नाम नहीं लिया। उनके योगदान की चर्चा नहीं की।

ममता पर हमलावर हुई भाजपा

वहीं दूसरी ओर बीजेपी ममता बनर्जी पर हमलावर हो गई है। ममता बनर्जी को आमंत्रित किया गया पत्र सोशल मीडिया पर वायरल कहा जा रहा है कि दीदी के लिए विश्वभारती और गुरुदेव से ज्यादा जरूरी उनकी पार्टी है। पीसी आज के कार्यक्रम में शामिल नहीं हुई। वह 28 को बोलपुर जा रही हैं निजी स्वार्थ के लिए। जिसके बाद इसे लेकर भी राज्य में राजनीति गरमाती दिख रही है।

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