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शुभेंदु के खिलाफ तृणमूल ने खोला मोर्चा, सोशल मीडिया पर शुरू की घेराबंदी

बंगाल मिरर, राज्य ब्यूरो, कोलकाता: तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी द्वारा शुभेंदु अधिकारी का चैप्टर क्लोज करने का अंदरूनी स्तर पर निर्देश दिए जाने के बाद से शुभेंदु के खिलाफ तृणमूल ने खोला मोर्चा, सोशल मीडिया पर शुरू की घेराबंदी। तृणमूल कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर तृणमूल के अतीत से लेकर वर्तमान तक के आंदोलन को ममता बनर्जी से तुलना करते हुए उन्हें आईना दिखाने की शुरुआत की है।

सोशल मीडिया पर तृणमूल कार्यकर्ताओं द्वारा दिया गया संदेश
तृणमूल कर्मी संगठन के मेंटर पद से हटाए गए शुभेंदु अधिकारी

तृणमूल कांग्रेस और उसके बागी नेता शुभेंदु अधिकारी के बीच की खाई दिन-ब-दिन चौड़ी होती जा रही है। शुभेंदु ने पिछले दिनों खुद से राज्य के परिवहन मंत्री के पद से इस्तीफा दिया था। तृणमूल सरकार ने भी देर न लगाते हुए उनके इस्तीफे को तुरंत स्वीकार कर लिया था।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने परिवहन विभाग की कमान अपने हाथों में ले ली थी लेकिन अब तृणमूल ने शुभेंदु को खुद से पार्टी के कर्मी संगठन के मेंटर पद से हटा दिया है। यह जिम्मेदारी अब पहले की तरह राज्य के शिक्षा मंत्री व तृणमूल के महासचिव पार्थ चटर्जी संभालेंगे।

जिम्मेदारी फिर से पार्थ को सौंप दी


बैठक में यह जिम्मेदारी फिर से पार्थ को सौंप दी
गौरतलब है कि पार्थ से लेकर ही यह जिम्मेदारी गत जून महीने में शुभेंदु को सौंपी गई थी।

सूत्रों से पता चला है कि शुभेंदु पिछले कई महीनों से कर्मी संगठन के कामकाज को लेकर निष्क्रिय थे। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जब इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने राज्य सचिवालय नवान्न में कर्मी संगठन के स्रतिनिधियों के साथ बैठक की। बैठक में पार्थ चटर्जी भी मौजूद है। बैठक में यह जिम्मेदारी फिर से पार्थ को सौंप दी गई।

शुभेंदु को मनाने की आखिरी कोशिश भी रही थी विफल


विधायक व तृकां की प्राथमिक सदस्यता नहीं छोड़ी
गौरतलब है कि शुभेंदु ने अब तक विधायक पद व तृणमूल की प्राथमिक सदस्यता नहीं छोड़ी है यानी वे अभी भी तृणमूल का ही हिस्सा हैं लेकिन पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी अब उनपर किसी तरह का भरोसा नहीं करना चाहतीं। तृणमूल नेतृत्व ने पिछले दिनों शुभेंदु को मनाने की कोशिश की थी। उत्तर कोलकाता में पार्टी सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय के घर में शुभेंदु के साथ ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी व पार्टी के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बैठक की थी।


शुभेंदु के अब पार्टी में लौटने की संभावनाएं खत्म
उस बैठक के आयोजन में तृणमूल सांसद सौगत राय की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी। इस मुलाकात की खबर की सौगत ने मीडिया को जानकारी दे दी थी, जिससे शुभेंदु क्षुब्ध हो गए थे और उन्होंने साफ तौर पर कह दिया था कि अब साथ मिलकर काम करना संभव नहीं हो पाएगा। उस प्रकरण के बाद शुभेंदु के पार्टी में लौटने की संभावनाएं लगभग खत्म हो गई हैं।


पिछले 40 वर्षों से अधिकारी परिवार के साथ संबंध
इस बीच तृणमूल ने शुभेंदु के करीबियों के भी पर काटने शुरू कर दिए हैं। शुभेंदु के बेहद करीबी माने जाने वाले पश्चिम मेदिनीपुर जिला परिषद के कर्माध्यक्ष अमूल्य माइती के दो सुरक्षाकर्मियों को हटा दिया गया है। माइती का कहना है कि उन्हें लिखित तौर पर इनकी जानकारी दिए बिना ही यह कदम उठाया गया है। गौरतलब है कि अमूल्य के पिछले 40 वर्षों से अधिकारी परिवार के साथ संबंध हैं।

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