घर का बिजली बिल हो जाएगा जीरो, केंद्र की इस योजना का उठाएं लाभ
बंगाल मिरर, विशेष संवाददाता: अगर आप भी हर महीने आने वाले बिजली बिल के झंझट से आजाद होना चाहते हैं, केंद्र सरकार की रूफटॉप सौर कार्यक्रम का लाभ लेने का अच्छा मौका है। दरअसल, केंद्र सरकार ने रूफटॉप सौर कार्यक्रम को 31 मार्च 2026 तक विस्तार दिया गया है। इस कार्यक्रम के तहत अगर आप अपने घर की छत पर सौर पैनल लगवाना चाहते हैं, तो केंद्र सरकार 14,588 रुपये प्रति किलोवाट की सब्सिडी देगी।
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![solar panel](https://i0.wp.com/bengalmirrorthinkpositive.com/wp-content/uploads/2022/12/pexels-photo-356049.jpeg?resize=800%2C531&ssl=1)
क्या है फायदा
सोलर पैनल को लगवाने का फायदा ये है कि तीन किलोवाट के सोलर पैनल से आप घर में एसी, फ्रिज, कूलर, टीवी, मोटर, पंखा और भी बहुत कुछ चला सकते हैं। इससे आपके घर का हर महीने बिजली भी जीरो आएगा। अपने घरों की छत पर सौर पैनल लगवाने के इच्छुक उपभोक्ता नेशनल पोर्टल www.solarrooftop.gov.in के जरिये आवेदन कर सकते हैं।
एक किलोवाट पर 14,588 रुपये की सब्सिडी
आवेदन करने के लिए राष्ट्रीय पोर्टल पर देश के किसी भी हिस्से में रूफटॉप सोलर स्थापित करने का इच्छुक कोई भी उपभोक्ता आवेदन कर सकता है और रजिस्ट्रेशन से लेकर सीधे अपने बैंक खाते में सब्सिडी जारी करने तक की पूरी प्रक्रिया को देख सकता है। नेशनल पोर्टल के तहत पूरे देश के लिए सब्सिडी 14,588 रुपये प्रति किलोवाट के हिसाब से सरकार 3 किलोवाट तक की क्षमता के लिए सब्सिडी निर्धारित की गई है।
रजिस्टर्ड वेंडर्स से लगवाएं सोलर पैनल
किसी भी व्यक्ति को अपने घर की छत पर सोलर पैनल लगवाने के लिए इलाके की संबंधित वितरण कंपनी द्वारा रजिस्टर्ड वेंडर्स में से किसी एक से रूफटॉप सौर संयंत्र स्थापित कराना होगा। रजिस्टर्ड वेंडर्स की सूची नेशनल पोर्टल पर भी उपलब्ध है। कंज्यूमर के हितों की रक्षा के लिए विक्रेता और उपभोक्ताओं के बीच हस्ताक्षर किए जाने वाले समझौते का प्रारूप नेशनल पोर्टल पर उपलब्ध है। समझौते की शर्तों को लेकर परस्पर सहमति हो सकती है। सेलर को कम से कम 5 वर्षों के लिए उपभोक्ता को रखरखाव सेवाएं प्रदान करनी होंगी और किसी भी चूक के मामले में संबंधित वितरण कंपनी सेलर की बैंक गारंटी को भुना सकती है।
सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में जाएगी सब्सिडी
सोलर पैनल लगवाने के लिए नेशनल पोर्टल पर आवेदन के लिए कोई शुल्क नहीं है और संबंधित वितरण कंपनियों द्वारा नेट-मीटरिंग के लिए शुल्क भी निर्धारित किया गया है। इसके अलावा, किसी भी सेलर या वितरण कंपनी को सब्सिडी प्राप्त करने के लिए कोई भी शुल्क देय नहीं है और मंत्रालय द्वारा सब्सिडी सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में जमा की जाएगी। यूनियन मिनिस्ट्री ऑफ रिन्यूएबल एनर्जी ने ये भी कहा है कि सभी आवासीय उपभोक्ताओं को सलाह दी जाती है कि यदि किसी सेलर, एजेंसी या व्यक्ति द्वारा इस तरह के चार्ज की मांग की जाती है, तो इसकी सूचना संबंधित वितरण कंपनी को और मंत्रालय को ईमेल पर दी जा सकती है।
लक्ष्य हासिल करने तक सब्सिडी रहेगी जारी
मंत्रालय, रूफटॉप सौर कार्यक्रम का चरण- II लागू कर रहा है, जिसमें रूफटॉप सोलर स्थापित करने के लिए आवासीय उपभोक्ताओं को सीएफए/सब्सिडी प्रदान की जा रही है। कार्यक्रम के कार्यान्वयन को आसान बनाने के लिए, एक नेशनल पोर्टल विकसित किया गया था, जिसका शुभारम्भ पीएम मोदी द्वारा 30 जुलाई 2022 को किया गया था। केंद्र सरकार का कहना है कि रूफटॉप सौर कार्यक्रम के तहत सब्सिडी तब तक उपलब्ध रहेगी जब तक कार्यक्रम का लक्ष्य हासिल नहीं हो जाता।
देश के विकास को गति देने में एनर्जी सेक्टर की बहुत बड़ी भूमिका है। देश, आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहा है, तो उसमें एनर्जी सेक्टर हमारे पावर सेक्टर, रिन्यूएबल एनर्जी की बहुत बड़ी भूमिका है। ऐसे में केंद्र सरकार रिन्यूएबल एनर्जी की दिशा में तेजी से काम कर रही है। 2030 तक 450 गीगावॉट का अक्षय ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा है। इसी के तहत कई योजनाएं भी चल रही हैं, जिसमें प्रधानमंत्री-कुसुम योजना के माध्यम से देश में किसानों को 17 लाख से ज्यादा सोलर पंप देने का लक्ष्य रखा गया है। इसी तरह सरकार द्वारा सोलर रूफ टॉप कार्यक्रम के दूसरे चरण में 38 गीगावॉट बिजली उत्पादन करने का लक्ष्य है।
यह सब्सिडी पश्चिम बंगाल में नही मिल रही है। यहाँ पर हाई कोर्ट में कोई केस हो रखा है जिसके कारण कोई भी काम नही हो रहा। WBSEDCL की वेबसाइट पर जा कर चेक करें।