ASANSOL

Krishna Vs Imtiyaz : कुंदन ने झाड़ा पल्ला, अपनी जान पर बताया खतरा, मिस्टर और जावेद की भी चर्चा

बंगाल मिरर, एस सिंह: बर्नपुर के लोहा व्यवसायी इम्तियाज के पिता हाजी फरीद आलम के हत्याराेपितों के साथ बैठक करने की तस्वीरों के मामले में नया मोड़ आ गया है। दो हत्यारोपितों महेश शर्मा व राजकुमार शुक्ला के साथ बैठक करने वाले आसनसोल के  समाजसेवी कृष्णा प्रसाद ने कुछ दिन पहले वीडियो जारी कर अपनी सफाई दी थी कि वह बैठक बर्नपुर निवासी कुंदन सिंह द्वारा प्रायोजित की गई थी। लेकिन अब  कुंदन सिंह ने मीडिया में आकर यह बयान दिया है कि वह बैठक उन्होंने आयोजित नहीं करवाई थी। कृष्णा प्रसाद सरासर झूठ बोलने का आरोप लगाया हैं। हालांकि इसके पीछे उनका मकसद क्या है वह नहीं जानते। 

उन्होंने इस बैठक की तस्वीरों में उनके मौजूद होने की कहानी  पर कहा है कि मुकेश शर्मा व राजकुमार शुक्ला आसनसोल के कृष्णा प्रसाद के साथ बैठक कर आसनसोल में किसी युवक की इंट्री की इजाजत किसी बड़े नेता के मार्फत कराना चाहते थे। उस बड़े नेता का नाम भी उन दोनों ने लिया था। हालांकि इंट्री किस बात के लिए कराना चाह रहे थे इसका खुलासा उस बैठक में नहीं हुआ है। जिस दिन बैठक हो रही थी वह वहां इत्तेफाक से मौजूद थे जरूर लेकिन वह महेश शर्मा व राजकुमार शुक्ला को उस समय तक जानते भी नहीं थे। अगर उन्हें पता होता कि यह दोनों फरीद खान के हत्यारोंपितों में से हैं तो वह सबसे पहले इसकी सूचना पुलिस को देते। क्योंकि फरीद खान हमारे परिवार के अभिभावक थे। बचपन से उनका मुरीद रहा हूं। उनके पुत्र इमतियाज मेरे बचपन के और बेहद खास दोस्त हैं। कुंदन ने कहा कि कृष्णा प्रसाद उन्हें फंसाने की कोशिश कर रहे हैं और जब से उन्होंने इस मामले में उन्हें घसीटा है उनकी नींद हराम हो गई है। बाहर निकलने पर उन्हें लोग फालो कर रहे हैं। उन्हें जान का खतरा बन गया है।

कुंदन ने उस बैठक में मौजूद होने की कहानी भी मीडिया को बताई है। उन्होंने कहा है कि डेढ़ से दो महीने पहले वह कृष्णा प्रसाद से मिले थे। एक जमीन को बेचने के लिए कमीशन को लेकर उनसे बात चल रही थी। जिस दिन की सीसीटीवी फुटेज कृष्णा प्रसाद महेश शर्मा और राजकुमार शुक्ला के साथ नजर आ रहे उस दिन वह धनबाद में ही थे। धनबाद के झरिया में एक रिश्तेदार के घर गए थे। वह धनबाद के एक नामी लिट्टी चोखा की दुकान में खरीदारी कर रहे थे। इतने में उन्हें कृष्णा प्रसाद का फोन आया पूछा कि कहां हो। कुंदन ने जवाब दिया वह धनबाद में हैं और गोविंदपुर के एक लिट्टी चोखा की दुकान में हैं। कृष्णा प्रसाद ने कहा वहीं रुको हम भी आधे घंटे में पहुंच रहे हैं। जिसके बाद कुंदन वहां रुके रहे। लिट्टी दुकान के सामने एक सफेद रंग की गाड़ी आई जिसमें से चार लोग उतरे। चारों लिट्टी दुकान के दूसरे मंजिले पर चढ़ गए, वहीं ज्यादा धूप होने के कारण कुंदन भी दूसरे मंजिले पर गया और वेटर से कोलड्रिंक की मांग की। कुंदन ने यह भी कहा कि उन चारों में से एक आदमी बार-बार ऊपर-नीचे कर रहा था। लेट होने के कारण कुंदन ने कृष्णा प्रसाद को दो बार फोन लगाया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। ठीक पांच मिनट बाद कृष्णा ने कुंदन को फोन कर पूछा कि वह कहां है। कुंदन ने जवाब दिया कि वह लिट्टी दुकान में बैठा है। जो गोविंदपुर में खालसा होटल के दूसरी तरफ है। जिसके बाद कृष्णा लिट्टी दुकान के तरह आ गए और कुंदन के साथ लिट्टी दुकान के दूसरे मंजिले पर चढ़ गए। दुकान में बैठे दुकान के तमाम कर्मचारियों से कहा सीसीटीवी कैमरा बंद करो और सभी कैमरे बंद करवाकर वह दुकान के दूसरे मंजिले पर चढ़ गए। जहां पहले से उपस्थित वह चारों लोग कृष्णा को देख उनके स्वागत में प्रणाम किया फिर सभी एक साथ बैठ गए।

बैठक में क्या हुई बात

कुंदन ने अपने बयान में मीडिया को बताया है कि कृष्णा प्रसाद की उक्त बैठक में क्या बातें हुई पूरी तरह तो वह नहीं सुन पाए। लेकिन कुछ बातें अब भी उनके दिमाग में घूम रहा है। कृष्णा प्रसाद से महेश शर्मा ने कहा था कि भैया बंगाल में हमारी इंट्री कब होगी, हमारे लड़के बेरोजगार बैठे हैं। महेश के सवालों का जवाब देते हुए कृष्णा के बगल में बैठे एक व्यक्ति ने कहा कि अभी नेताजी से भैया का रिश्ता थोड़ा खराब हो गया है। इसलिए कि उनके कहने पर कृष्णा भैया ने बर्णपुर के जावेद के साथ मिलकर किसी बिजनेस में बड़ा निवेश किया था। लेकिन जावेद ने कृष्णा भैया का सारा पैसा मार लिया, उस व्यक्ति ने मिस्टर की भी बात की और कहा कि मिस्टर ने भी भैया का काफी पैसा रैक के धंधे में मार लिया है।

नेताजी जी चुनाव में थोड़ा व्यस्त हैं, जैसे ही वह फ्री होंगे उनसे बात कर इंट्री करवा देंगे। इस काम में पांच मिनट लगेगा। उस व्यक्ति ने कहा उल्टा रथ के दिन भी भैया की नेताजी से बात हुई है पर सकारात्मक बात नहीं होने के कारण वह कोई कदम नहीं उठा रहे हैं। वहीं कुंदन की अगर माने तो बैठक में किसी हीरो का नाम उठा था। कृष्णा प्रसाद किसी हीरो का नाम लेकर  राजू झा को हीरो द्वारा हत्या की घटना को अंजाम देने की बात कर रहा था। वह कह रहा था की कैसे हीरो ने राजू को रास्ते से हटा दिया, जिसके बाद कुंदन ने कहा कि उसके घर से बार बार फोन आ रहा था। जिस कारण वह कृष्णा प्रसाद से घर जाने की इजाजत मांगी और वह निकल गया। उसके जाने के बाद बैठक में क्या हुआ उसे कुछ मालूम नहीं।
कुंदन ने मीडिया से कहा इस मामले के बाद वह काफी भयभीत है। उन्होंने कहा उसे खुद की हत्या की आशंका है। क्योंकि जब से वह वहां से वापस लौटे हैं उन्हें कुछ युवकों द्वारा फालो किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर इस दौरान उसकी हत्या होती है तो इसका जिम्मेदार कृष्णा प्रसाद होंगे। साथ ही कुंदन ने बार-बार कृष्णा प्रसाद को गलत और झूठा करार दिया और कहा कि खुद को सच्चा बताकर मामले से दूर होना चाह रहे हैं। ऐसे में इस मामले में अब पेंच यह लग गया है कि अगर उस बैठक को अगर कुंदन या फिर कृष्णा प्रसाद ने नहीं बुलाया था तो आखिरकार और ऐसा करने वाला वह है कौन।

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